राहुल गांधी ने सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी पर पाकिस्तान को बीच युद्ध में रणनीति बताने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, यह सब पीएम मोदी की छवि की रक्षा करना के लिए किया गया।
संसद में पिछले दो दिन से ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की जा रही है। यह चर्चा सोमवार दोपहर शुरु हई थी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार की तरफ से पहला भाषण दिया था। इसके बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ साथ टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और अन्य कई नेताओं ने सरकार को इस मामले पर जमकर घेरा था। सोमवार को लंबे समय तक चली यह चर्चा मंगलवार को भी जारी है। आज गृहमंत्री अमित शाह और वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी जैसे बड़े नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। प्रियंका के बाद अब राहुल गांधी भी इस चर्चा में शामिल हो गए है। राहुल ने भाजपा पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को अपनी रणनीति बताने का आरोप लगाया है।
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राहुल गांधी ने अपने भाषण में पाकिस्तान सरकार को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया। राहुल ने कहा, यह एक क्रूर और बेरहम हमला जो पूरी तरह से पाकिस्तानी सरकार द्वारा सुनियोजित और अंजाम दिया गया था। इस हमले में युवा और बुजुर्गों को निर्ममता से मार दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि, हम सबने और सदन में मौजूद सभी व्यक्तियों ने इस हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि, इस हमले के दौरान विपक्ष एकजुट रहा और उसने देश की सेना और सरकार का समर्थन किया।
राहुल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर पलटवार करते हुए कहा, राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की तुलना 1971 के युद्ध से की, लेकिन दोनों में एक बड़ा अंतर है। 1971 में भारत के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। इंदिरा गांधी ने सैम मानेकशॉ को पूरी आज़ादी दी थी, तब भी जब अमेरिका के जहाज़ हमारी तरफ बढ़ रहे थे।
राहुल ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर 1:05 बजे शुरू हुआ और 22 मिनट तक चला। इसके बाद 1:35 बजे तक, हमने पाकिस्तान को फोन किया और उन्हें बता दिया कि हमने गैर-सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है और हम तनाव बढ़ाना नहीं चाहते हैं। राहुल ने सरकार से सवाल करते हुए कहा, युद्ध के बीच में ही आप अपनी रणनीति क्यों बता रहे हैं। आपने सिर्फ हमला नहीं किया, बल्कि अपनी सीमाएं भी दिखा दीं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि, इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायु सेना को नुकसान उठाना पड़ा, उन्हें कुछ विमान खोने पड़े क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को कुछ लक्ष्यों पर हमला करने से रोक दिया था। राहुल ने आगे कहा, मैं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ से कहना चाहता हूं कि आपने कोई गलती नहीं की है। सेना के हाथ राजनीतिक नेतृत्व ने बांधे थे। राहुल ने कहा कि इन सब के जरिए सरकार पीएम मोदी की छवि की रक्षा करना चाहती थी।
राहुल ने अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, अगर प्रधानमंत्री मोदी में इंदिरा गांधी जितनी आधी भी हिम्मत होती तो वह संसद में आकर साफ-साफ कहते कि इस मिशन के दौरान भारत का कोई विमान नहीं गिरा था और युद्धविराम ट्रम्प ने नहीं करवाया था। राहुल ने आगे कहा, हमारे विदेश मंत्री दावा कर रहे हैं कि हमने पाकिस्तान को पीछे धकेल दिया, लेकिन दूसरी तरफ, पाकिस्तान के सेना प्रमुख अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मिलकर लंच कर रहे है। राहुल ने कहा, भाजपा ने जीत की घोषणा तो कर दी लेकिन यह ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है।