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Online Gaming: ड्रीम11, एमपीएल, जुपी, पोकरबाजी… का बंद हुआ खेल, अगर आपका पैसा भी फंसा है तो जानें कैसे मिलेगा वापस

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के तहत रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध के बाद, कई कंपनियों ने अपने रियल मनी गेमिंग ऑपरेशंस बंद कर दिए हैं। इनमें ड्रीम11, माई11सर्किल, पोकरबाजी और प्रोबो जैसी कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने यूजर्स को आश्वस्त किया है कि उनके पैसे सुरक्षित हैं

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Aug 23, 2025
ऑनलाइन गेमिंग। फोटो- IANS

रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने का असर दिखने लगा है। ड्रीम11 और माई11सर्किल के बाद पोकरबाजी, जूपी, मोबाइल प्रीमियर लीग, प्रोबो और जैसी कंपनियों ने रियल मनी गेमिंग ऑपरेशंस रोक दिया है। इन कंपनियों ने अपने यूजर्स को भरोसा दिलाया है कि उनके पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

यूजर्स अपने वॉलेट से पैसे निकाल सकते हैं। ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स को बैन करने का कानून आने के बाद इसे खेलने वाले यूजर्स में पैसे निकालने की अफरा-तफरी मच गई है।

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इस स्थिति को संभालना कंपनियों के लिए चुनौती बन गई है। कई कंपनियों के पास ग्राहकों को लौटाने के लिए पर्याप्त नकदी नहीं है।

ऐसे में गेमिंग ऐप में पैसे अटकने का खतरा मंडरा रहा है। खास बात यह है कि नई नौकरी करने वाले युवाओं ने रियल मनी गेमिंग ऐप्स पर बड़ी रकम दांव पर लगाई थी।

एसआइपी जितना खर्च

रिपोर्ट के मुताबिक, फैंटेसी स्पोट्र्स, पोकर, रमी और सट्टेबाजी वाले इन ऐप्स पर युवा हर महीने औसतन दो से आठ हजार रुपए तक खर्च कर रहे हैं। बड़े शहरों में यह औसतन 5,081 रुपए प्रति महीना है।

वहीं, आगरा, जयपुर, रांची और राजकोट जैसे छोटे शहरों में युवा हर महीने औसतन 4,763 रुपए ऑनलाइन गेमिंग पर खर्च कर रहे हैं। जल्द करोड़पति बनने की उम्मीद में युवा एसआइपी जितनी रकम दांव लगा रहे हैं।

कम आय वाले युवा इन गेम्स पर ज्यादा पैसा लगा रहे हैं। 20,000 रुपए तक कमाने वालों में से 22 प्रतिशत और 20,001 से 40,000 रुपए कमाने वालों में से 18 प्रतिशत युवा ऐसा करते हैं। जबकि, एक लाख रुपए से ज्यादा कमाई वाले सिर्फ 12 प्रतिशत युवाओं ने ही गेमिंग में पैसे लगाए।

करोडो़ं का निवेश खतरे में

वेंचर कैपिटल (वीसी) कंपनियों ने वर्ष 2020 और 2024 के बीच रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) फर्मों में लगभग 1 अरब डॉलर का निवेश किया है। लेकिन केंद्र सरकार के प्रतिबंध के कारण यह पूंजी अब खतरे में पड़ गई है। इसके साथ ही नजारा टेक, डेल्टा कॉर्प आदि कंपनियों के निवेशकों को भी इनके शेयर टूटने से बड़ा नुकसान हुआ है।

रियल मनी गेमिंग में पैसे लगाने वालों की हिस्सेदारी

  • 2000 रुपए से 8000 रुपए खर्च कर रहे युवा रियल मनी गेम्स पर पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शहरों में हर माह प्रति व्यक्ति खर्च 5,000 रुपए से अधिक
  • 3700 करोड़ डॉलर यानी करीब 3.23 लाख करोड़ रुपए की है भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री, इनमें 86 प्रतिशत रियल मनी गेमिंग की हिस्सेदारी
  • 4 लाख कंपनियों, 2 लाख नौकरियों और 25,000 करोड़ रुपए के निवेश पर खतरा मंडरा रहा, सरकार को भी हर साल 20,000 करोड़ के टैक्स का नुकसान

गेमिंग कंपनियों ने कितनी पूंजी जुटाई

कंपनी राशि

हेड डिजिटल वक्र्स- 8.1

  • विनजो- 9.2
  • गेम्स24एक्स7- 10.8
  • जुपी- 12.2
  • मोबाइल प्रीमियर लीग- 39.6
  • ड्रीम स्पोट्र्स- 124

(स्थापना के बाद से अब तक जुटाई राशि करोड़ डॉलर में)

कैसे निकाल सकते हैं पैसा

अगर आपका पैसा इन गेमिंग एप्स में फंस गया है तो आप तुरंत उसे क्लेम कर सकते हैं। पैसे निकालने की प्रक्रिया वही है, जो पहले से निर्धारित थी। चाहे कोई भी गेमिंग एप हो, उसमें क्लेम करने के कुछ ही घंटों बाद आपके खाते में पैसा वापस आ जाएगा।

Published on:
23 Aug 2025 07:49 am
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