राष्ट्रीय

लेह में 22 दिनों बाद हटी पाबंदियां, हिंसा के आरोपी 6 नेताओं को मिली जमानत

Leh restrictions lifted: लेह में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन के बाद लगाए गए प्रतिबंध हटा लिए गए। हिंसा में चार की मौत हुई थी, कई गिरफ्तारियां हुईं और अब स्थिति सामान्य हो गई है।

2 min read
Oct 16, 2025
लेह में 22 दिन बाद हटा प्रतिबंध (File Photo)

लद्दाख के लेह जिले में 24 सितंबर को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुई हिंसक प्रदर्शनों के बाद लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा लिए गए। जिला प्रशासन ने भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत लगाई गई पाबंदियों को तुरंत प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया है। इस दौरान किसी प्रकार की हिंसा की कोई घटना दर्ज नहीं हुई, जिससे स्थानीय निवासियों में राहत की सांस बही है।

प्रदर्शन में चार लोगों की मौत

जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने बताया कि पिछले 22 दिनों में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही। उन्होंने कहा, "प्रतिबंधों के कारण जनजीवन प्रभावित था, लेकिन अब सभी गतिविधियां सामान्य रूप से चलेंगी।" प्रदर्शनों के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 70 से अधिक युवाओं को हिरासत में लिया गया था। इनमें से आधे से अधिक को पहले ही जमानत मिल चुकी है।

नेताओं को जमानत

लेह की अदालत ने हिंसा के आरोपी छह प्रमुख नेताओं को जमानत दे दी है। इनमें लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सदस्य और स्थानीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। LAB के सह-अध्यक्ष चेरिंग डोरजे ने स्वागत करते हुए कहा, "यह हमारे संघर्ष का हिस्सा है। हम न्यायिक जांच की मांग पर अडिग हैं।" अदालत ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया, लेकिन मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख तय की गई है।

30 लोग हिरासत में

हिंसा के बाद गिरफ्तार 26 लोगों को पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी है, जबकि लगभग 30 लोग अभी भी हिरासत में हैं। LAB और अन्य संगठनों ने पुलिस पर "अत्यधिक बल प्रयोग" का आरोप लगाते हुए मजिस्ट्रेट जांच को खारिज कर न्यायिक जांच की मांग की है। उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने कहा, "दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।"

स्टेटहुड की मांग पर भड़की हिंसा

24 सितंबर को लेह में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में चली भूख हड़ताल के 15वें दिन प्रदर्शन हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भवनों, पुलिस वाहनों और बीजेपी कार्यालय पर हमला कर दिया, जिसमें आगजनी की घटनाएं हुईं। वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया था। उन्होंने गिरफ्तारी से पहले कहा था, "हिंसा के बाद सारा दोष मुझ पर डाल दिया गया।" LAB ने स्पष्ट किया कि हिंसा में कोई "विदेशी हाथ" नहीं था और यह स्थानीय युवाओं की हताशा का परिणाम था।

Published on:
16 Oct 2025 11:32 am
Also Read
View All

अगली खबर