उपेंद्र कुशवाहा ने कांग्रेस के एसआईआर के आरोपों पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया है।
कुशवाहा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- देश में कई ऐसे मुद्दे हैं जो लोगों से जुड़े हैं। अगर कांग्रेस उन मुद्दों को उठाती है, तो इससे उन्हें भविष्य में फायदा हो सकता है, लेकिन एसआईआर का मुद्दा तो है ही नहीं।
कुशवाहा ने कहा कि बिहार में विपक्ष लोगों के वोटों की चोरी की बात कर रहे हैं, अगर लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए होते, तो लोग सड़कों पर उतर आते, हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ।
बता दें कि कांग्रेस ने एसआईआर के मुद्दे पर नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर को भव्य रैली करने का फैसला किया है। इसी को लेकर कुशवाहा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
चुनाव आयोग (ECI) 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का दूसरा चरण करने जा रहा है, जिसकी अंतिम वोटर लिस्ट 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
एसआईआर का पहला चरण बिहार में सितंबर में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले किया गया था। आने वाले इस अभियान में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल होंगे।
चुनाव आयोग के अनुसार, 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक प्रशिक्षण और प्रिंटिंग का काम होगा, इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर सत्यापन का चरण चलेगा। ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी, इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी, 2026 तक दावे और आपत्तियों का समय रहेगा।
नोटिस चरण (सुनवाई और सत्यापन के लिए) 9 दिसंबर से 31 जनवरी, 2026 के बीच होगा। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने घोषणा की कि पार्टी 14 दिसंबर को "वोट चोर गद्दी छोड़ महा रैली" करेगी ताकि "वोट चोरी" के खिलाफ पूरे देश में संदेश भेजा जा सके।
उन्होंने आगे कहा कि यह रैली कांग्रेस की "वोट चोरों के चंगुल से भारतीय लोकतंत्र को वापस पाने" की लड़ाई को प्रदर्शित करेगी।
महागठबंधन को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें उसे 243 में से सिर्फ 35 सीटें मिलीं, जबकि एनडीए ने 202 सीटें हासिल करके बड़ी जीत दर्ज की।