संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 75 साल के हो जाने पर लोग आपको शॉल ओढ़ान लगते हैं। इसका मतलब है कि आपकी उम्र हो गई है। अब साइट हट जाओ। मोहन भागवत के बयान को विपक्षी दलों के नेताओं ने लपक लिया। उन्होंने कहा कि भागवत का बयान पीएम मोदी की तरफ इशारा है।
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं, जो बीजेपी (BJP) को असहज कर रही है। एक बार फिर संघ प्रमुख (RSS Chief) ने 75 साल की उम्र की सीमा को लेकर बयान दिया है। संघ प्रमुख ने कहा कि 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी असवर देना चाहिए। जब आपको 75 साल पूरे होने पर शॉल ओढ़ाई जाती है तो इसका मतलब होता है कि आपकी उम्र हो गई है। अब आपको किनारे हो जाना चाहिए। भागवत ने रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी किताब के विमोचन के अवसर पर यह बात कही।
संघ प्रमुख के इस बयान को विपक्ष ने हाथोंहाथ लपक लिया। शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) ने लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, जसवंत सिंह जैसे बड़े नेताओं को जबरन रिटायरमेंट दिला दिया था। अब देखते हैं कि पीएम मोदी इसका खुद भी पालन करेंगे कि नहीं। इससे पहले आम आदमी पार्टी भी कई बार कह चुकी है कि बीजेपी ने 75 वर्ष की समय सीमा तय कर रखी है। पीएम मोदी इस साल 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे। वह रिटायर हो सकते हैं।
मोहन भागवत के इस बयान पर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी के स्वदेश लौटते ही भगवत ने उन्हें यह बात याद दिला दिया है कि 17 सितंबर 2025 को वह 75 साल के हो जाएंगे। इस पर पीएम मोदी भी पलट कर कह सकते हैं कि भागवत भी 11 सितंबर 2025 को 75 साल के होने वाले हैं। एक तीर, दो निशाने!
भाजपा के भीतर एक निश्चित उम्र तक पद पर बने रहने को लेकर कोई आधिकारिक नियम नहीं है। कुछ स्तरों पर पार्टी ने समय सीमा तय कर दी है। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 35 से 45 साल और जिला अध्यक्ष पद के लिए 45 से 60 साल की उम्र सीमा तय की है।
भाजपा ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 75 साल से अधिक उम्र के कई वरिष्ठ नेताओं को टिकट काट दिया। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, कलराज मिश्र, जैसे कई कद्दावर नेता शामिल थे। दरअसल, 2014 में बीजेपी के सत्ता में आते ही 75 साल की उम्र से ज्यादा के नेताओं को रिटायर करने का ट्रेंड शुरू हुआ था। बुजुर्ग नेताओं को पार्टी ने मार्ग दर्शक मंडल में शामिल किया। गुजरात में आनंदी बेन का इस्तीफा भी उम्र के पैमाने को देखते हुए लिया गया। जब नजमा हेपतुल्लाह ने कैबिनेट से इस्तीफा दिया तो उनकी भी उम्र 76 साल थी। साल 2024 लोकसभा चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल, संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी, रीता बहुगुणा जोशी का टिकट भी 75 साल से ज्यादा उम्र होने की वजह से काट दिया गया।
बीते साल लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी नेताओं खासकर आम आदमी पार्टी की तरफ से ये नेरेटिव सेट करने की कोशिश की गई कि साल 2025 में पीएम मोदी 75 साल के हो जाएंगे और रिटायरमेंट ले लेंगे, तो इस पर जवाब देने के लिए खुद अमित शाह को आगे आना पड़ा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। पीएम मोदी साल 2029 में देश का नेतृत्व करेंगे। वहीं, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा कि भाजपा के संविधान में कहीं भी आयु को लेकर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। पीएम मोदी हमारे नेता हैं। वह भविष्य में भी हमारा नेतृत्व करेंगे।