तीर्थ यात्रा पर पाकिस्तान गई 48 वर्षीय सरबजीत कौर के वहां जाकर शादी करने की खबर के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें सरबजीत ने यह कबूल किया है कि उसका एक पाकिस्तानी के साथ पिछले 9 सालों से अफेयर था और उसी से शादी करने वह पाकिस्तान आई थी।
तीर्थ यात्रा पर पाकिस्तान गई सरबजीत कौर नामक एक भारतीय महिला के वहां एक पाकिस्तानी व्यक्ति से निकाह करने की खबर कुछ समय पहले सामने आई थी। यह मामला सामने आते ही लगातार सवाल उठने लगे कि कहीं सरबजीत को पाकिस्तान में जबरदस्ती तो नहीं रोका गया, या फिर उसे मजबूर कर इस्लाम धर्म कबूल करवाने की कोई साजिश तो नहीं है। लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आया है। खबरों के अनुसार, जांच में पता चला है कि जिस पाकिस्तानी व्यक्ति से सरबजीत ने शादी की है, उससे उनका पिछले 9 सालों से अफेयर चल रहा था और उसी से मिलने के लिए वह तीर्थ यात्रा के बहाने पाकिस्तान गई थीं।
पंजाब के कपूरथला की रहने वाली 48 वर्षीय सरबजीत 4 नवंबर को 1,992 सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ पाकिस्तान गई थीं। यह जत्था गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पाकिस्तान के गुरुद्वारों के दर्शन करने गया था। 10 दिन वहां रहने के बाद 13 नवंबर को जत्था भारत लौटा। लेकिन पता चला कि सरबजीत उनके साथ नहीं लौटीं। इसके बाद भारतीय इमिग्रेशन ने तुरंत इसकी सूचना पंजाब पुलिस को दी और उन्हें ढूंढने की प्रक्रिया शुरू की गई। भारतीय एजेंसियां भी लगातार पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में रहीं।
सरबजीत के गायब होने की खबर आने के दो दिन बाद, 15 नवंबर को सोशल मीडिया पर एक निकाहनामा वायरल हुआ। इसमें दावा किया गया कि सरबजीत ने इस्लाम धर्म अपनाकर लाहौर से लगभग 56 किलोमीटर दूर शेखूपुरा के रहने वाले नासिर हुसैन नामक व्यक्ति से निकाह कर लिया है। खुफिया एजेंसियों ने इसे पाकिस्तान द्वारा भारतीय तीर्थयात्रियों को फंसाने की संगठित चाल बताया था। लेकिन अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें सरबजीत का बयान सामने आया है।
यह 18 सेकंड का वीडियो दोनों की शादी के दौरान का बताया जा रहा है। इसमें सरबजीत अपनी मर्जी से नासिर से निकाह करने की बात स्वीकार करती दिख रही हैं। वीडियो में वह कहती हैं कि मैं नासिर से प्यार करती हूं, उन्हें 9 सालों से जानती हूं। मैं तलाकशुदा हूं और सोच-समझकर यह निकाह कर रही हूं। मैंने इस्लाम कबूल कर लिया है और अब मेरा नाम नूर हुसैन है। इस वीडियो से स्पष्ट हुआ कि सरबजीत का तीर्थ यात्रा पर पाकिस्तान जाना भी इसी योजना का हिस्सा था। खबरों के अनुसार, दोनों की पहचान सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान पहुंचने के बाद सरबजीत ने नासिर से संपर्क किया और फिर उसके साथ चली गईं। उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाकर नासिर से निकाह किया और फिर शेखूपुरा की मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होकर बताया कि उन्होंने अपनी मर्जी से यह शादी की है। उन्होंने कहा कि इस पर किसी का कोई दबाव नहीं था। बताया जा रहा है कि नासिर की उम्र 43 वर्ष है और वह मजदूरी करता है। वह सऊदी अरब में भी काम कर चुका है।
नासिर के गांववालों के मुताबिक, वह पहले से शादीशुदा है और उसकी पहली बीवी उसके साथ ही गांव में रहती है। पहली बीवी से उसके तीन बच्चे भी है। गांववालों भी नासिर की शादी की खबर सोशल मीडिया और खबरों के जरिए ही पता चली। गांववालों ने नासिर के सरबजीत से शादी करने को गलत बताया है। शादी की खबर सामने आने के बाद से ही नासिर के घर पर ताला लगा है और पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर तलाशी भी ली थी।
नासिर के वकील ने बताया कि निकाह से कुछ दिन पहले नासिर ने उनसे संपर्क किया था और बताया था कि एक दूसरे देश की उसकी महिला मित्र को पाकिस्तान में कानूनी सहायता दिलानी है। उसने एडवांस फीस भी जमा कर दी थी। वकील के अनुसार, 5 नवंबर को वह सरबजीत को लेकर आया और फिर पूछताछ कर केस तैयार किया गया। वहीं पाकिस्तानी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को शुरुआत में सरबजीत के जासूस होने पर शक हुआ, जिसके चलते वे लगातार सक्रिय रहीं।
पुलिस द्वारा कई बार नासिर और सरबजीत के ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिससे परेशान होकर दोनों कोर्ट पहुंचे। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को उन्हें परेशान न करने का नोटिस जारी किया। खबरों के अनुसार, सरबजीत ने अदालत में कहा कि उनके शौहर पाकिस्तानी नागरिक हैं और उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकता प्राप्त करने के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती हैं।
बताया जाता है कि सरबजीत तलाकशुदा हैं और उनके पूर्व पति करनैल सिंह लगभग 30 वर्षों से इंग्लैंड में रहते हैं। उनके दो बेटे हैं, दोनों की शादी हो चुकी है और दोनों की एक-एक बेटियां हैं। दोनों बेटों ने अपनी मां के मामले में किसी भी टिप्पणी से इंकार कर दिया है। वहीं घटना के बाद तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान भेजने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने निर्णय लिया है कि अब अकेली या तलाकशुदा महिलाओं को पाकिस्तान जत्थे के साथ नहीं भेजा जाएगा।