
सरबजीत कौर (फोटो- पत्रिका ग्राफिक्स)
गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व के मौके पर पाकिस्तान के गुरुद्वारों के दर्शन करने गई सिख महिला ने वहां धर्म बदल कर शादी कर ली है। सरबजीत कौर नामक इस महिला के कुछ दिनों पहले पाकिस्तान में गायब होने की खबर सामने आई थी। जिसके बाद अब सोशल मीडिया पर सरबजीत का निकानामा वायरल हो रहा है, जिसके अनुसार उसने अपना नाम बदल कर नूर हुसैन रख लिया है और एक पाकिस्तानी व्यक्ति से शादी कर ली है। निकाहनामे के अनुसार, सरबजीत ने इस्लाम धर्म अपना लिया है। हालांकि अभी यह जांच का विषय है कि सरबजीत ने खुद अपना धर्म बदला है या उसका जबरन धर्मांतरण करा के निकाह करवाया गया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों का भी यही मानना है कि सरबजीत को जबरन पाकिस्तान में पकड़ा गया है।
पंजाब के कपूरथला की रहने वाली 48 साल की सरबजीत 4 नवंबर को 1,992 सिख श्रद्धालुओं के एक जत्थे के साथ पाकिस्तान गई थी। यहां दस दिनों तक गुरुद्वारों के दर्शन करने गुरु नानक देव जी का जन्मदिन मनाने के बाद जब 13 नवंबर को यह श्रद्धालू वापस लौटे तो उन्हें पता चला कि सरबजीत उनके साथ नहीं थी। इसके बाद तुरंत भारतीय इमीग्रेशन ने तुरंत इस मामले की सूचना पंजाब पुलिस को दी और सरबजीत को ढूंढने की कार्रवाई शुरु की गई। इसके साथ ही भारतीय एजेंसियां लगातार पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में बनी हुई है।
इसके बाद अब सोशल मीडिया पर एक निकाहनामा वायरल हो रहा। इसमें दावां किया गया है कि सरबजीत कौर ने इस्लाम धर्म अपना कर लाहौर से लगभग 56 किलोमीटर दूर शेखूपुरा के रहने वाले नासिर हुसैन नामक व्यक्ति से शादी कर ली है। हालांकि इस दस्तावेज की अभी तक स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है। पंजाब पुलिस ने इस मामले की जांच शुरु कर दी है और इसकी शुरुआती रिपोर्ट भारतीय एजेंसियों को भी भेज दी है।
बता दें कि सरबजीत तलाकशुदा है और उनके पूर्व पति करनैल सिंह करीब 30 सालों से इंग्लैंड में रह रहे हैं। उनके दो बेटे भी है। सरबजीत का पासपोर्ट पंजाब के मुक्तसर जिले से जारी किया गया है। दस्तावेजों से पता चलता है कि वह पाकिस्तान में गायब हो गईं है और उनका नाम इमिग्रेशन रिकॉर्ड में पाकिस्तान से बाहर निकलने और भारत में दाखिल होने के लिए दर्ज नहीं है।
खुफ़िया एजेंसियों ने इसे पाकिस्तान के भारतीय तीर्थयात्रियों को कैद करने के ख़ुफ़िया नेटवर्क की एक बड़ी और व्यवस्थित चाल का हिस्सा बताया है। इसमें शादी और ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन के जरिए लोगों को अपने प्रभाव में लिया जाता है और फिर उनका इस्तेमाल खुफ़िया जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जाता है। सरबजीत कौर के भी इसी नेटवर्क के जाल में फंसे होने का संदेह किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल उसके निकाहनामे को शेखूपुरा की एक मस्जिद ने जारी किया है। हालांकि इसमें दावां किया गया है कि सरबजीत ने अपनी सहमति से धर्मांतरण किया है लेकिन खुफिया एजेंसियां यह बात मानने को तैयार नहीं है।
एक वरिष्ठ खुफिया सूत्र ने इस बारे में बात करते हुए कहा, यह किसी व्यक्तिगत पसंद का मामला नहीं है। यह शादी और धर्म परिवर्तन की आड़ में जानबूझकर भर्ती करने के एक बार-बार होने वाले पैटर्न का हिस्सा है। इनके अनसुार, यह एक परिष्कृत सॉफ्ट-पावर पैठ मॉडल है जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI चला रही है। परिष्कृत सॉफ्ट-पावर पैठ मॉडल एक चालाक और आधुनिक तरीका है। इसमें बल का प्रयोग करने के बजाय, प्रभाव, धोखा या भावनात्मक तरीकों का इस्तेमाल करके दूसरे देश के लोगों को अपने प्रभाव में लिया जाता है ताकि उनसे जासूसी कराई जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि आईएसआई कई सालों से भारत के अल्पसंख्यक समुदायों की महिला तीर्थयात्रियों को निशाना बना रही है, खासकर जब वे पाकिस्तान में आयोजित धार्मिक यात्राओं पर जाती हैं। यह यात्राएं सिखों के पवित्र स्थानों, जैसे गुरुद्वारा ननकाना साहिब, पंजा साहिब, और करतारपुर साहिब के लिए आयोजित की जाती हैं। इन स्थानों पर और अन्य जगह जहां तीर्थयात्री ठहरते है वहीं से पाकिस्तानी हैंडलर्स उनके संपर्क में आते है और उनकी निगरानी कर पाते है।
इसके बाद उनकी जासूसी टीम, कट्टरपंथी उपदेशको और स्थानीय बिचौलियों के साथ मिल कर भावनात्मक रूप से कमज़ोर लोगों की पहचान करती है और फिर उन्हें विश्वास में लेती है। इन लोगों को रोमांटिक रिश्तों के जरिए बेवकूफ बना कर जबरदस्ती शादी कराई जाती है और फिर जाल में फंसा लिया जाता है। इसमें एक फिक्स पैटर्न के जरिए लोगों को फंसाया जाता है। पहले उनसे भावनात्मक रूप से नज़दीकी बढ़ाई जाती है और फिर इसके जरिए उनका विश्वास जीता जाता है। फिर इन लोगों को धार्मिक प्रभाव में लेकर इनका धर्मांतरण और निकाह कराया जात है।
इसमें पीड़ित की रजामंदी दर्शाने के लिए शादी के सर्टिफिकेट में उनकी सहमती दिखाई जाती है जो कि आमतौर पर दबाव डाल कर बनाई जाती है। एक बार शादी और धर्मांतरण होने के बाद व्यक्ति हमेशा के लिए पाकिस्तान में रहने लगता है और उसके अपने परिवार से सभी रिश्तें टूट जाते है। ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके है, जिसमें पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कर के गुप्त जानकारी इकट्ठा की गई है। पाकिस्तानी एजेंसियों का यह नया पैटर्न दर्शाता है कि अब वो पारंपरिक जासूसी की बजाय सामाजिक इंजीनियरिंग (भारतीय नागरिकों को ही अपने नेटवर्क का हिस्सा बनाना) के जरिए भारत में घुसपैठ कर रहे है।
Updated on:
25 Nov 2025 11:32 am
Published on:
15 Nov 2025 03:25 pm
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