Satta Bazar Latest Update: 4 जून को चुनावी नतीजे (Election Result) आ जाएंगे, लेकिन उससे पहले फलोदी (Phalodi Satta Bazar) समेत देश के 10 सबसे बड़े सट्टा बाजार ने बीजेपी (BJP) की निंद उड़ा दी है।
Top 10 Satta Bazar: लोक सभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election Result) के नतीजों का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। इसी के साथ ही एग्जिट पोल (Exit Poll) के नतीजे भी सामने आ चुके हैं। जिसके अनुसार, देश में एक बार फिर मोदी सरकार की वापसी होने जा रही है। हालांकि इसी के साथ फलोदी (Phalodi Satta Bazar) समेत देशभर के सट्टा बाजारों का ट्रेंड अलग दिखाई दे रहा है। सट्टा बाजार के अनुसार, एनडीए (NDA) और इंडिया ब्लॉक (INDIA) के बीच टक्कर दिखाई दे रही है। चलिए समझते हैं कि आखिर देश भर के सट्टा बाजार क्या अनुमान जता रहे हैं।
देशभर में सबसे ज्यादा चर्चाएं फलोदी सट्टा बाजार की है। इसके अनुसार, देश के कई राज्यों में बीजेपी को बड़ा नुकसान हो रहा है। हालांकि इसके बावजूद बीजेपी गठबंधन सबसे मजबूत बन कर निकल रहा है। फलोदी सट्टा बाजार के अनुमान के अनुसार, जहां बीजेपी को 209 सीटें मिलने का अनुमान है तो वहीं, एनडीए 253 सीटें ला सकती है। दूसरी ओर कांग्रेस के 117 सीटें आने का अनुमान फलोदी सट्टा बाजार में लगाया जा रहा है। इसी के साथ ही पूरा इंडिया ब्लॉक 246 सीटें हासिल कर सकता है।
इंदौर और सूरत मघोबी सट्टा बाजार एनडीए को स्पष्ट बहुमत दे रहा है। इंदौर सट्टा बाजार के अनुसार, एनडीए को 283 सीटें आ सकती है तो वहीं इंडिया ब्लॉक 180 सीटों पर सिमट सकती है। वहीं सूरत मघोबी के अनुसार, एनडीए को 282 तो इंडिया ब्लॉक को 186 सीटें मिल सकती है। 10 में से इन दो सट्टा बाजारों में एनडीए की सरकार बनती दिखाई दे रही है। हालांकि, बीजेपी अपने दम पर बहुमत से दूर दिखाई दे रही है।
पालनपुर, करनाल, बोहरी, बेलगाम, कोलकाता, विजयवाड़ा, अहमदाबाद सट्टा बाजार के अनुसार, कोई भी गठबंधन 272 के जादुई आंकड़े को पार करता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। ये सभी सट्टा बाजार एनडीए को 247 से 270 के बीच दे रहे हैं तो वहीं, इंडिया ब्लॉक को 193 से 237 के बीच दे रहे हैं।
कुलमिलाकर, एग्जिट पोल भले ही बीजेपी के पक्ष में जा रहा हो लेकिन सट्टा बाजार ने कांग्रेस को खुश होने की वजह दे दी है। अब 4 जून के नतीजे ही बताएंगे की किस खेमें में जश्न मानेगा और कहां मायूसी छाएगी।
Disclaimer: सट्टा बाजार का आंकलन इससे जुड़े लोगों की दिलचस्पी के बेस पर निर्भर होता है। इसके आंकड़े किसी सर्वे या Poll से नहीं लिए गए हैं। ऐसे में इस तरह के आंकलन और नतीजों के सही होने के आसार बहुत कम होते हैं।