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Viral Video:38 साल घंटी बजाने वाले चपरासी के आखिरी दिन स्कूल रो पड़ा !

School Peon Retirement Video: 38 साल स्कूल में घंटी बजाने वाले चपरासी अंकल ने आखिरी बार बेल रिंग की, 500 बच्चों के आंसू आने और गले लगने का वीडियो वायरल हो गया।

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Oct 18, 2025
तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर एक स्कूल का चपरासी घंटी बजाते हुए। (फोटो: Instagram video shared by amikutty)

School Peon Retirement Video: छोटू चपरासी ने 38 साल तक एक ग्रामीण स्कूल में सुबह-शाम घंटी बजाई। रोज 500 बच्चों को जगाया, पढ़ाई के लिए बुलाया। रिटायरमेंट (School Peon Retirement 2025) के दिन आखिरी घंटी बजाई तो पूरा स्कूल उदास हो गया। छोटू अंकल की आंखों में आंसू आ गए, वे बच्चों के गले लगे। यह पल किसी ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। यह दिल छू लेने वाली कहानी तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर के कॉटन पब्लिक स्कूल (Cottons Public School) की है। यह वीडियो 38 साल की निष्ठा वाले चपरासी "दास अंकल (38 Years Chotu Peon Service)" की आखिरी घंटी बजाने का है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

आखिरी घंटी का इमोशनल पल (Emotional Final Bell Video)

स्कूल ग्राउंड में सभी इकट्ठे हुए। छोटू अंकल ने घंटी पकड़ी, धीरे-धीरे बजाई। आवाज सुनते ही बच्चे दौड़े। "अंकल, न जाओ!" चिल्लाए। क्लास 1 से 10 तक के 500 बच्चे रोने लगे। टीचर्स की आंखें नम हो गईं। प्रिंसिपल ने माइक पकड़ा, "छोटू जी ने स्कूल बनाया।" वीडियो में अंकल बोले, "बच्चों, मैं हमेशा आऊंगा।"

बच्चों का प्यार: गले लगा कर रोए

छोटू अंकल को घेर लिया। छोटे बच्चे पैरों से लिपटे, बड़े गले लगे। एक लड़की ने कहा, "अंकल, आप मेरे दादाजी जैसे।" लड़कों ने कंधे थपथपाए। अंकल ने सबको गले लगाया। यह सीन देख कर कोई भी खुद नहीं रोक सका आंसू। वीडियो 24 घंटे में 5 मिलियन व्यूज मिले।

स्कूल का खास तोहफा: लाइफटाइम पास

प्रिंसिपल ने ऐलान किया, "छोटू अंकल को लाइफटाइम पास!" अब हर साल बच्चों से मिल सकेंगे। स्कूल ने सर्टिफिकेट, शॉल व फूलों का हार दिया। PTA ने 2 लाख रुपये का चेक दिया। अंकल बोले, "38 साल का वेतन कम था, लेकिन प्यार ने भर दिया।"

वायरल के बाद सरप्राइज गिफ्ट्स

वीडियो वायरल होते ही CM ऑफिस ने फोन किया। छोटू अंकल को 5 लाख पेंशन + 10 लाख घर खरीदने के लि दिए। लोकल MLA ने 1 लाख रुपये दिए। NGO ने मेडिकल इंश्योरेंस किया। अंकल की बेटी बोली, "पापा का सपना पूरा।" सोशल मीडिया पर #ChotuPeon ट्रेंडिंग हो गया।

ऐसी निष्ठा के पीछे कहानी

छोटू अंकल ने 18 साल की उम्र में नौकरी जॉइन की। विधवा मां का सहारा बने। स्कूल साफ किया, बच्चों को खाना खिलाया। बीमारी में भी नहीं रुके। रिटायरमेंट पर बोले, "बच्चे मेरे अपने।" यह स्टोरी NEP 2025 के सपोर्ट स्टाफ वेलफेयर को हाइलाइट करती है।

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