टीचर और छात्र का रिश्ता तब शुरू हुआ जब लड़का टीचर के घर ट्यूशन पढ़ने जाता था। यहीं से टीचर ने नाबालिग को अपने जाल में फंसाया।
सूरत की गलियों में एक ऐसी घटना ने समाज को हिलाकर रख दिया, जिसने नैतिकता, कानून और रिश्तों की सीमाओं पर सवाल खड़े कर दिए। एक 23 साल की ट्यूशन टीचर, जिसे बच्चों को ज्ञान बांटने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसी ने अपने 13 साल के नाबालिग छात्र के साथ ऐसी हरकत की, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। यह कहानी न केवल एक अपराध की है, बल्कि उस मनोवैज्ञानिक और सामाजिक जटिलता की भी है, जो इस घटना के पीछे छिपी है।
मामला तब सामने आया जब यह टीचर अपने 13 साल के छात्र को लेकर शहर छोड़कर भाग गई। चार दिन की तलाश के बाद पुलिस ने दोनों को जयपुर से अहमदाबाद जाते हुए पकड़ लिया। पूछताछ में जो खुलासा हुआ, वह किसी के लिए भी रोंगटे खड़े करने वाला था। टीचर ने बिना किसी हिचक के बताया, “मैं पांच महीने की प्रेग्नेंट हूं, और यह बच्चा इसी छात्र का है।” उसने दावा किया कि दोनों पिछले दो साल से “प्यार” में थे और इसी वजह से वह छात्र को लेकर भागी थी।
छात्र ने भी पुलिस को बताया कि उसका टीचर के साथ कई बार शारीरिक संबंध बना था। मेडिकल जांच ने इस बात की पुष्टि की कि नाबालिग छात्र पिता बनने में सक्षम है। अब पुलिस डीएनए टेस्ट के जरिए मामले की गहराई तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह घटना केवल कानूनी जांच तक सीमित नहीं है; यह समाज के सामने एक कड़वा सच लाकर खड़ा कर रही है।
जांच में पता चला कि टीचर और छात्र का रिश्ता तब शुरू हुआ जब लड़का टीचर के घर ट्यूशन पढ़ने जाता था। यहीं से टीचर ने नाबालिग को अपने जाल में फंसाया। दो साल तक यह रिश्ता चला, और जब टीचर को अपनी प्रेग्नेंसी का पता चला, उसने भागने का फैसला किया। उसने छात्र से उसके कपड़े मंगवाए, नया बैग और सिम कार्ड खरीदा, और दोनों अलग-अलग शहरों के होटलों में ठहरते हुए फरार हो गए। टीचर का इरादा था कि वह किसी अनजान शहर में छात्र के साथ छिपकर नई जिंदगी शुरू करे। पुलिस ने टीचर के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) एक्ट सहित कई संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।