Manish Sisodia Bail Granted: आप नेता मनीष सिसोदिया 17 महीने से जेल में बंद थे। उन्हें शुक्रवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। आज वह जेल से बाहर आएंगे।
Supreme Court grants bail to Manish Sisodia : देश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को 17 महीने यानी 530 दिनों बाद राहत दी। मनीष सिसोदिया आज जेल से बाहर आएंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि हम ED की प्रारंभिक आपत्ति को मानने को इच्छुक नहीं है। ईडी ने मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना था। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सुनवाई के दौरान सिसोदिया को पूरी न्यायिक प्रकिया से गुजरते हुए सुप्रीम कोर्ट आने को कहा था। मतलब सबसे पहले निचली अदालत, उसके बाद हाई कोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट आने के लिए का निर्देश दिया था। यहां उल्लेखनीय है कि मनीष सिसोदिया को निचली अदालत और उच्च न्यायालय में कोई राहत नहीं मिल पाई थी। जाहिर सी बात है कि मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद आप पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं।
प्यारे बच्चों आपके मनीष अंकल वापिस आ रहे हैं: Raghav Chadha
आप पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा (Member of Rajya Sabha Raghav Chadha) ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया पोस्ट की और कहा कि दिल्ली शिक्षा क्रांति के नायक मनीष सिसोदिया जी को बेल मिलने से पूरे देश में आज ख़ुशी है। उन्होंने कहा, 'मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करता हूँ। मनीष जी को 530 दिन तक जेल की सलाख़ों के पीछे रखा गया। उनका जुर्म इतना था कि उन्होंने गरीबों के बच्चों को एक बेहतर भविष्य दिया।' राघव चड्डा ने स्कूली बच्चों को अपील करते हुए लिखा, 'प्यारे बच्चों, आपके मनीष अंकल वापिस आ रहे हैं।'
वहीं आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि उन्हें जमानत मिल गई। मुझे उम्मीद है कि वह दिल्ली सरकार का नेतृत्व करेंगे और अच्छा काम करेंगे।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कवी विश्वानाथन की पीछ ने सिसोदिया को 17 महीने के बाद जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया को निचले कोर्ट और हाईकोर्ट जाने का आदेश दिए हुए 6 से 8 महीने बीत गए हैं लेकिन वहां उनका ट्रायल शुरू नहीं हुआ। इसी बात को संज्ञान में लेते हुए सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि देरी के आधार पर जमनात की बात हमने पिछले साल अक्टूबर के आदेश में कही थी लोकिन ट्रायल शुरू नहीं हुआ, इसी बात को आधार मानते हुए जमानत दी जा रही है।