Surrogacy Rules In India: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा महिला को शोषण से बचाने की जरूरत है।
Supreme Court On Surrogacy Rules: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सरोगेसी के मामले में एक ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता है ताकि किसी भी महिला का शोषण न हो। कोर्ट ने कहा कि सरोगेट माताओं के हितों की रक्षा जरूरी है। सरोगेट कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह टिप्पणी की। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अगुवाई वाली बेंच में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सरोगेट माताओं को धनराशि वितरित करने के लिए एक निर्दिष्ट प्राधिकारी नियुक्त किया जाए, न कि इच्छुक दम्पति सीधे भुगतान करें। दम्पति विभाग को भुगतान करें और वह राशि सरोगेट माता तक पहुंचे।
केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने न्यायालय को सूचित किया कि मौजूदा कानून में केवल परोपकारी सरोगेसी की अनुमति है और कॉमर्शियल सरोगेसी प्रतिबंधित है। उन्होंने सरकार की ओर से इस मामले में समय मांगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नकुल दीवान ने तर्क दिया कि परोपकारिता की भावना को बरकरार रखते हुए, सरोगेट माताओं को किसी प्रकार का मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए, क्योंकि कानून केवल चिकित्सा और बीमा का खर्च दिलाते हैं। अदालत इस मामले में पांच नवंबर को आगे सुनवाई करेगी।