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डिजिटल अरेस्ट के मामलों पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, CBI को दिए कड़े आदेश

भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल अरेस्ट स्कैम पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताते हुए इसकी जांच CBI को सौंप दी है। कोर्ट ने बैंक, सोशल मीडिया और टेलीकॉम संस्थानों को सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि साइबर ठगी के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।

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Dec 01, 2025
डिजिटल अरेस्ट पर SC ने दिए आदेश (Patrika Graphic)

भारत में डिजिटल क्रांति ने जहां लोगों की ज़िंदगी आसान बनाई है, वहीं हाल के महीनों में ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’ के मामलों में खतरनाक बढ़ोतरी ने देशभर की चिंता बढ़ा दी है। सोमवार (आज) को सुप्रीम कोर्ट ने इस स्कैम को अत्यंत गंभीर मुद्दा बताते हुए कड़ा रुख अपनाया और इसकी जांच सीबीआई (CBI) को सौंपने के आदेश दिए।

क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम?

डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक हाई-टेक धोखाधड़ी का तरीका है, जिसमें जालसाज खुद को CBI, ED, पुलिस या अन्य सरकारी एजेंसियों के अधिकारी बताकर वीडियो कॉल करते हैं। वे पीड़ित को किसी गंभीर अपराध में फंसा हुआ बताते हैं और कहते हैं कि वह ‘डिजिटल अरेस्ट’ में है यानि वह किसी से बात नहीं कर सकता, घर से निकल नहीं सकता। डर और दहशत की स्थिति का फायदा उठाकर ये ठग पीड़ितों से करोड़ रुपये वसूल चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट क्यों हुआ सख्त?

दो-न्यायाधीशों वाली बेंच ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक तेजी से बढ़ता साइबर खतरा है, जिसकी जड़ें देश के बाहर तक जाती हैं और इसकी तत्काल व व्यापक जांच जरूरी है। इसलिए कोर्ट ने निर्देश दिया:

  • CBI करेगी पूरे देश में हुए सभी मामलों की जांच
  • साइबर ठगी में शामिल नेटवर्क, कॉल सेंटर, विदेशी मॉड्यूल तक जांच की जाएगी।
  • फर्जी और म्यूल अकाउंट खोलने वाले बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी।
  • जरूरत पड़ने पर इंटरपोल की सहायता भी ली जा सकेगी।

सरकार और एजेंसियों को दिए निर्देश

  • सोशल मीडिया कंपनियों को पूर्ण सहयोग का आदेशCBI को सभी डिजिटल डाटा, कॉल रिकॉर्ड और यूज़र जानकारी उपलब्ध कराना होगा।
  • दूरसंचार विभाग (DoT) को SIM कार्ड के दुरुपयोग पर रिपोर्टबड़े पैमाने पर जारी हो रही फर्जी SIM पर रोक लगाने की दिशा में सख्त कदम उठाने होंगे।
  • RBI को AI-ML आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम बनाने का आदेशबैंक खातों में संदिग्ध लेन-देन और धोखाधड़ी में उपयोग किए जाने वाले अकाउंट्स की पहचान के लिए एआई आधारित टेक्नोलॉजी अपनानी होगी।
  • राज्य सरकारों और साइबर यूनिट्स को मजबूत करने के निर्देशसाइबर यूनिट्स की तकनीकी बाधाएँ तुरंत दूर की जाएँ।जमीनी स्तर पर काम कर रहे साइबर कर्मचारियों को मजबूत सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध कराया जाए।

इन्वेस्टमेंट स्कैम और पार्ट-टाइम जॉब स्कैम की जांच

सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि डिजिटल अरेस्ट स्कैम के बाद इन्वेस्टमेंट स्कैम और पार्ट-टाइम जॉब स्कैम भी CBI की जांच के दायरे में आएंगे । ये दोनों स्कैम वर्तमान में लाखों लोगों को निशाना बना रहे हैं। यह मामला अब भारत की साइबर सुरक्षा और डिजिटल फाइनेंशियल सिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।

Published on:
01 Dec 2025 05:11 pm
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