Halal certification : सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने सवाल उठाया है कि क्या सीमेंट और आटे को भी हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत है? यूपी सरकार के हलाल सर्टिफिकेशन प्रोडक्ट बैन के ख़िलाफ़ कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यूपी सरकार ने हलाल प्रोडक्ट की बिक्री के बैन के पक्ष में दलील दी है।
Halal certification: देश-विदेश में यह मामला गर्माया हुआ है कि सीमेंट, आटे और सरिया को हलाल सर्टिफिकेशन (Halal certification) की ज़रूरत है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में इस सिलसिले में यूपी सरकार (UP government)ने याचिका दायर की है। पत्रिका के लिए पत्रकार एम आई ज़ाहिर ने इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस्लामिक स्कॅालर और शिक्षाविद पद्मश्री प्रो.अख़्तरुल वासे (Prof.Akhtarul Wase) से एक्सक्लूसिव बातचीत की। पेश हैं बातचीत के संपादित अंश:
पद्मश्री प्रो.अख़्तरुल वासे ने कहा कि लोगों को हलाल और हराम का कॉन्सैप्ट समझे बिना बात नहीं करना चाहिए। अरे भई! आटा अनाज होता है, वह गोश्त का नहीं है। यह मुददा ही ग़लत है। अगर आटे में हराम चीज़ की चर्बी मिलाई जाए तो बात अलग है और वह हराम है। सरिया और सीमेंट के भी हलाल या हराम होने का सवाल ही नहीं उठता है, इसलिए कि सीमेंट इमारत के निर्माण में काम आता है या सरिया मशीनरी में काम आता है तो इसके हलाल (Halal) या हराम (Haram) होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। ऐसे मुददे उठा कर शरिया के लिहाज़ से ग़लत कर रहे हैं, इन बातों से एहतियात करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि ऐसे सवाल सिर्फ मुसलमानों से ही क्यों किए जा रहे हैं। जब बात हलाल और हराम की हो रही हो तो झटके पर भी बात होना चाहिए। झटके के मांस के बारे में सवाल नहीं किया जा रहा है, झटके के लिए सिक्खों का नज़रिया हिन्दुओं से अलग है। हम सिक्खों की आस्था का सम्मान करते हैं और उनकी आस्था के अनुसार भी इस विषय पर बात होना चाहिए, तभी कोई संतुलित आदेश होना चाहिए।
प्रो.अख़्तरुल वासे ने कहा कि इस्लाम के लिहाज से वह गोश्त, खून या चर्बी जिस चीज को अल्लाह और उसके रसूल पैगंबर हजरत मुहम्मद अ ने हराम करार दिया है, वह हराम है। कुरान में अल्लाह और उसके रसूल ने जिन जानवरों को हराम कहा है, वो हराम हैं, वो हर जानवर जिनको हराम कहा, वो भी खाने के लायक या जाइज नहीं हैं। उसके अलावा किसी चीज को हराम नहीं कहा जा सकता। मसलन जानवरों का गोश्त, चर्बी व खून हराम है तो हराम है और उससे बनी चीज भी हराम है। चॉकलेट में चिकनाई का मसला है, वो भी देखना चाहिए कि कहीं हराम जानवर के मांस, खून या चर्बी की चिकनाई तो इस्तेमाल नहीं की जा रही है। अगर वह हराम है तो ऐसी चॉकलेट भी नहीं खाई जा सकती। देखना होगा कि कहीं जंक फूड में सूअर की चर्बी तो नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुरान में सूअर, शराब व सूद हराम है। अगर हलाल फूड पता करना है तो यह देखना होगा कि कहीं जंक फूड में सूअर की चर्बी तो नहीं है। बर्गर पिज्जा हो या चॉकलेट, इन चीजों में सूअर की चर्बी इस्तेमाल की जाए तो वह हराम है। इसी तरह सूद हलाल नहीं है, वह भी हराम है, यह शोषण का माध्यम है।