तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा है- अगर हिंदी जबरन थोपी गई तो हम भाषाई युद्ध के लिए तैयार हैं। तमिल भाषा, राज्य अधिकार और लोकतंत्र की रक्षा हमारा संकल्प है।
तमिलनाडु के डिप्टी चीफ मिनिस्टर उदयनिधि स्टालिन ने खुली चेतावनी दे दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार जबरन हिंदी थोपने की कोशिश करेगी तो उनकी सरकार इसका जमकर विरोध करेगी ।
चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान स्टालिन ने कहा- अगर हिंदी हम पर थोपी जाती है, तो तमिलनाडु भाषा की लड़ाई के लिए तैयार है। हमने हमेशा अपनी भाषा, अपने राज्य के अधिकारों, डेमोक्रेसी और अब लोगों के वोटिंग अधिकारों की रक्षा की है।
स्टालिन ने भाजपा की केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अच्छा काम करने वाले राज्यों को आर्थिक रूप से सजा देकर और क्षेत्रीय सरकारों को राजनीतिक रूप से निशाना बनाकर फेडरलिज्म को कमजोर कर रही है।
उन्होंने तमिल भाषा में कहा- भाजपा आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों को राजनीतिक रूप से कमजोर बनाने की कोशिश कर रही है और राजनीतिक रूप से मजबूत राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर बनाने की कोशिश कर रही है।
स्टालिन ने आगे कहा कि हमारा राज्य टैक्स रेवेन्यू के गलत बंटवारे, फंड में देरी या रुकावट, केंद्र द्वारा लाई गई योजनाओं, नई शिक्षा नीति और अब प्रस्तावित डिलिमिटेशन एक्सरसाइज के कारण परेशान है।
स्टालिन ने कहा- तमिल लोग कभी भी केंद्र सरकार के दबदबे के आगे नहीं झुकेंगे। डिप्टी सीएम ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी फेडरलिज्म और बराबरी के लिए एक मजबूत आवाज बनी रहेगी।
जिस कार्यक्रम में उदयनिधि स्टालिन यह बयान दे रहे थे, उसमें तमिलनाडु के स्कूल एजुकेशन मिनिस्टर अंबिल महेश पोय्यामोझी, भाजपा के पूर्व स्टेट प्रेसिडेंट के अन्नामलाई, पीएमके लीडर अंबुमणि रामदास और एक्टर मालविका मोहनन भी शामिल थे।
बता दें कि उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे हैं। उदयनिधि अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। साल 2023 में उनके एक बयान ने देश भर में बवाल मचाया था।
उदयनिधि ने तब सनातन धर्म पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था- सनातन धर्म का मलेरिया, डेंगू, मच्छरों या कोरोना की तरह न केवल विरोध करना चाहिए, बल्कि इसे समाप्त कर देना चाहिए। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें जड़ से उखाड़ फेंकना पड़ता है।
इस बयान ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया। बीजेपी ने इसे 80 प्रतिशत भारतीय आबादी के खिलाफ एक नरसंहार बताया। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डीएमके और कांग्रेस पर वोटबैंक के लिए सनातन का अपमान करने का आरोप लगाया।