Tax Free State In India: भारत में एक राज्य ऐसा है, जहां पर लाखों करोड़ों कमाने पर भी लोगों से टैक्स (Zero Income Tax) नहीं वसूला जाता। इस राज्य में रकने वालों की तो मौज ही मौज है। आइए जानते हैं इस राज्य के बारे में-
Tax Free State In India: भारत में लोगों को हर साल टैक्स भरना पड़ता है। खासतौर से जिनकी कमाई इनकम टैक्स (Income Tax) के दायरे में आती है, उन्हें हर साल जुलाई के आखिरी तक टैक्स भरना जरूरी होता है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत इनकम टैक्स भरने में देरी होने या ना भरने पर आयकर विभाग से नोटिस आ जाता है। टैक्स की मदद से सरकार देश को अच्छे से चला सकती है। जरा सोचिए अगर आपको अपनी इनकम पर कोई टैक्स न देना हो, तो कितनी राहत की बात होगी। भारत में एक राज्य ऐसा है, जहां पर लाखों करोड़ों कमाने पर भी लोगों से टैक्स नहीं वसूला जाता। इस राज्य में रकने वालों की तो मौज ही मौज है। आइए जानते हैं इस राज्य के बारे में, जहां लोगों को इंकम टैक्स पर पूरी छूट दी गई है।
भारत में नॉर्थ ईस्ट का इकलौता ऐसा एक राज्य है, जहां लोगों को टैक्स से राहत दी गई है। इसका नाम है सिक्किम (Sikkim)। यहां के लोग खूब कमाई करते हैं और उन्हें एक रुपए का भी Tax नहीं देना पड़ता। मतलब है कि सारी कमाई व्यक्ति की अपनी है। ऐसे में भला किसे यहां रहना अच्छा नहीं लगेगा।
सिक्किम की वर्तमान आबादी 6.32 लाख है। यहां के ज्यादातर लोग किसानी करते हैं। वहीं यहां के कुछ लोग टूरिज्म और हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी के जरिए भी खूब पैसा कमा लेते हैं। टैक्स न भरने के कारण उनके पैसे की बचत होती है, इसलिए यह राज्य अन्य नॉर्थ ईस्ट स्टेट की तुलना में आर्थिक रूप से मजबूत और ज्यादा विकसित है।
आपके मन में सवाल आ रहा होगा, कि आखिर सिक्क्मि को इंकम टैक्स में राहत क्यों दी गई है। इसके लिए आपको सिक्किम के इतिहास पर नजर डालनी होगी। दरअसल, सिक्किम 1975 से पहले स्वतंत्र देश था। 1975 में यह भारत का हिस्सा और एक नया राज्य बना। इसके लिए 1950 में भारत सिक्किम समझौता हुआ। इस समझौते में यहां के राजा चोग्याल ताशी नामग्याल ने कुछ शर्त रखी थीं। जिसमें से एक शर्त यह भी थी कि यहां के रहने वाले लोगों को इनकम टैक्स में छूट दी जाए।
उनकी यह शर्त मान ली गई और Tax Act की धारा 1961 10 (26AAA) के तहत इन्हें इनकम टैक्स में छूट मिलने लगी। सिक्किम को संविधान के आर्टिकल 371F के तहत विशेष दर्जा मिला हुआ है। हालांकि, उस वक्त सिक्कम के उन लोगों को ही टैक्स में छूट दी गई थी, जिनके पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट था। इस तरह सिक्किम के 95 फीसदी लोग टैक्स छूट के दायरे में आ गए। इस नियम को 1989 के बाद बदला गया। जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन लोगों को भी छूट मिली, जिनके पास सर्टिफिकेट नहीं था।