सबसे अधिक मार अमरीकी और यूरोपीय शेयर बाजारों पर पड़ी है, जो दो दिन में 10 फीसदी तक टूट चुके हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल (पारस्परिक) टैरिफ की घोषणा के बाद विश्व की अर्थव्यवस्थाओं में खलबली है। 'ट्रंप टैरिफ' के नाम से चर्चित इस अतिरिक्त टैक्स की सबसे ज्यादा मार चीन पर पड़ी है। इसके जवाब में चीन ने भी शुक्रवार को अमरीकी सामान पर 10 अप्रेल से अतिरिक्त 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान, जिससे व्यापार युद्ध पूरी तरह से भड़कने का खतरा है। इससे पहले कनाडा ने भी अमरीकी वाहनों पर 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा की थी।
फ्रांस ने भी अपने अमरीका में निवेश रोक दिए हैं।वैश्विक निवेश बैंक जेपी मॉर्गन ने कहा कि अब 2025 के अंत तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का खतरा 60 फीसदी देखा जा रहा है, जो पहले 40 फीसदी था। इस आशंका ने शुक्रवार को दुनियाभर के शेयर बाजारों में कहर बरपा दिया। ग्लोबल शेयर बाजार में 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। ग्लोबल मंदी की आशंका से अमरीका-यूरोप सहित तमाम एशियाई बाजार लगातार दूसरे दिन धराशायी हो गए। सबसे अधिक मार अमरीकी और यूरोपीय शेयर बाजारों पर पड़ी है, जो दो दिन में 10 फीसदी तक टूट चुके हैं। शुक्रवार को यूरोपीय बाजारों में तीन फीसदी से अधिक गिरावट आई। वहीं अमरीकी बाजार नैस्डैक पांच फीसदी से अधिक गिरा। भारत में सेंसेक्स-निफ्टी भी एक प्रतिशत से अधिक गिरे।
भारत 2027-28 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने का सपना देख रहा है, इतनी राशि अमरीकी निवेशकों ने दो दिन में ही गंवा दिए हैं। गुरुवार को अमरीकी शेयर बाजार करीब पांच फीसदी टूटे थे, वहीं शुक्रवार को नैस्डैक में पांच फीसदी से अधिक गिरावट आई, जिससे अमरीकी शेयर बाजार के निवेशकों के पांच ट्रिलियन डॉलर से अधिक डूब गए।
राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार (अमेरिकी समय) को कहा विभिन्न देशों पर लगाए गए टैरिफ को लेकर उस दुविधा को खत्म कर दिया, जो उनकी घोषणा और दस्तावेजों में अंतर के कारण पैदा हो गए थे। ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए टैरिफ को ही सही बताया, जिसके अनुसार भारतीय समान पर औसतन 26 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। हालांकि ट्रंप ने फार्मा सेक्टर की रियायत देने की संभावना को खारिज किया और कहा कि उस पर भी टैरिफ लगाने पर विचार किया जा रहा है। इसके बाद भारतीय फॉर्मा सेक्टर के शेयर तेजी से गिर गए। ट्रंप टैरिफ से भारत में जिन क्षेत्रों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, कीमती स्टोन और मशीनरी के अलावा रेडीमेड गारमेंट्स शामिल हैं।