राष्ट्रीय

PM Modi के दौरे से पहले मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

PM Modi 13 सितंबर को मणिपुर के दौरे पर जा रहे हैं। उनके दौरे से पहले चुराचांदपुर में हिंसा भड़क उठी। उपद्रवियों ने पीएम मोदी के स्वागत में लगे पोस्टर व बैनर फाड़ दिए। जानिए पीएम मोदी का दौरा क्यों है खास?

2 min read
Sep 12, 2025
पीएम नरेंद्र मोदी (Photo: X/@BJP ‍Bihar)

PM Modi Manipur Visit: पीएम मोदी के मणिपुर दौरे से दो दिन पहले राज्य में हिंसा भड़क उठी है। उपद्रवियों ने चुराचांदपुर में पीएम मोदी के स्वागत में लगे पोस्टर व बैनर फाड़ दिए। उनमें आग लगा दी। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस (Manipur Police) ने उपद्रवियों को भगाने के लिए लाठीचार्ज भी किया। पुलिस की लाठीचार्ज के दौरान कितने लोग घायल हुए, इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।

ये भी पढ़ें

‘ढाई साल से जल रहा मणिपुर’: पीएम मोदी के मणिपुर दौरे पर टीएमसी का तंज, कहा- अगली बार जनता को…

कुकी और मैतेई इलाकों को देंगे सौगात

न्यूज एजेंसी PTI ने कहा कि पीएम मोदी 13 सितंबर को राज्य का दौरा करेंगे। इस दौरान वह 8500 करोड़ रुपए की सौगात देंगे। वह कुकी समुदाय बहुल चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में 7300 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। साथ ही, मैतेई समुदाय बहुल इलाके इंफाल में वह 1200 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे।

गौरतलब बात यह है कि मणिपुर में शुरू हुई हिंसा के बाद पीएम मोदी का यह पहला दौरा है। मई 2023 में मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा शुरू हुई थी। इस हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोगों को शिविर कैंप में रहना पड़ रहा है। वहीं मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है।

पीएम मोदी कठिन समय में आ रहे हैं मणिपुर: लीशेम्बा

मणिपुर के एकमात्र राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा ने कहा कि पीएम मोदी कठिन समय में राज्य के दौरे पर आ रहे हैं। इस मौके पर पीएम मोदी कठिनाइयों को सुनेंगे। इससे पहले भी मणिपुर में हिंसक झड़पों का इतिहास रहा है, लेकिन उस समय किसी भी प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया। लोगों की बात नहीं सुनी। मोदी ऐसे कठिन समय में यहां आने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।

वहीं, पीएम मोदी के दौरे से पहले राज्य में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है। इंफाल और चुराचांदपुर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात है। सेंट्रल फोर्स और स्टेट पुलिस कांगला किले की 24 घंटे निगरानी कर रही है। साथ ही नाव के जरिए किले के चारों ओर की खाइयों में भी गश्त की जा रही है।

हिंसा पनपे की मुख्य वजह ये है

मई 2023 में मेइतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग ने हिंसा को हवा दी। मणिपुर हाईकोर्ट के 14 अप्रैल 2023 के आदेश ने कूकी-ज़ो समुदाय में डर पैदा किया कि उनकी जमीन और अधिकार छिन जाएंगे। इसके बाद कूकी समुदाय का 'ट्राइबल सॉलिडैरिटी मार्च' हिंसक हो गया, जिसमें 258 से अधिक लोग मारे गए और 60,000 विस्थापित हुए।

Updated on:
12 Sept 2025 07:49 am
Published on:
12 Sept 2025 07:47 am
Also Read
View All

अगली खबर