यासीन मलिक के नए दावे ने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है। उसने दावा किया है कि उसने हाफिज सईद से मुलाक़ात की जानकारी मनमोहन सिंह को दी थी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक हत्यारे का इस्तेमाल कूटनीति में करना बेहद शर्मनाक है, जिसने कश्मीरी पंडितों समेत कई निर्दोषों की जान ली।
जेकेएलएफ प्रमुख व अलगाववादी नेता यासीन मलिक के दावे से भूचाल मच गया है। मलिक ने दावा किया है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख व आतंकवादी हाफिज सईद से मुलाकात के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पूरे प्रकरण की जानकारी दी थी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद ने अब इस दावे को लेकर खूब आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि उस समय की सरकार के लिए इससे जायदा शर्म की बात और क्या हो सकती है।
आतंकवाद से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया यासीन मलिक फिलहाल आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट को दिए गए एक हलफनामे में उसने दावा किया है कि वह भारत सरकार के कहने पर पाकिस्तान गया था और हाफिज सईद से मुलाकात की थी।
मलिक ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान से वापस लौटते ही उसने मनमोहन सिंह को अपनी यात्रा की उपलब्धि के बारे में पूरी जानकारी दी थी। जिसे सुनकर पूर्व पीएम ने उसका धन्यवाद भी किया था।
एएनआई से बात करते हुए वैद ने कहा कि यह बात बेहद चौंकाने वाली है कि एक हत्यारे का इस्तेमाल कूटनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?
वैद ने आगे कहा कि यासीन मलिक ने अपने हलफनामे में बताया है कि वह पाकिस्तान गया, हाफिज सईद से मिला और लौटने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जानकारी दी।
इसका मतलब है कि आप यासीन मलिक जैसे हत्यारे का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसने आपके पांच वायुसेना जवानों और कई कश्मीरी हिंदू पंडितों को मार डाला।
उन्होंने आगे कहा कि एक हत्यारे का इस्तेमाल हाफिज सईद से संपर्क करने के लिए एक राजनयिक के तौर पर किया जा रहा है, जो भारत से नफरत करता है और हजारों भारतीयों की हत्याओं का जिम्मेदार है।
वैद ने कहा कि मैं यह फैसला इस देश के लोगों पर छोड़ता हूं कि वे कैसी सरकार चाहते हैं। ऐसी कूटनीति और सरकार का होना बहुत शर्मनाक है।
बता दें कि एक दिन पहले यासीन मलिक ने यह भी दावा किया था कि वी.पी. सिंह से लेकर मनमोहन सिंह तक, लगातार छह भारतीय सरकारों ने कश्मीर पर शांति पहल में शामिल होने के लिए उसे बार-बार संपर्क किया था।