ड्राइवर के पद पर 24 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारी को यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया गया कि उसके पास आवश्यक शैक्षणिक योग्यता नहीं है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इसे अनुचित करार देते हुए कहा कि ड्राइवर कौशल का विषय है और याचिकाकर्ता के पास पर्याप्त […]
ड्राइवर के पद पर 24 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारी को यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया गया कि उसके पास आवश्यक शैक्षणिक योग्यता नहीं है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इसे अनुचित करार देते हुए कहा कि ड्राइवर कौशल का विषय है और याचिकाकर्ता के पास पर्याप्त अनुभव है। उसे बहाल करते हुए बकाया एरियर्स के भुगतान का भी आदेश दिया है।
मामला शहडोल निवासी रामदयाल यादव का है जिसने 2021 में सेवा समाप्त किए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 1997 में रामदयाल को अस्थायी तौर पर ड्राइवर के पद पर नियुक्त किया गया था और 2 जनवरी 1998 को उसकी सेवा नियमित कर दी गई थीं।
हालांकि, वर्ष 2020 में उन्हें यह कहते हुए नोटिस दिया गया कि नियुक्ति के समय उनकी शैक्षणिक योग्यता पद के अनुरूप नहीं थी। जांच के बाद 25 जनवरी 2021 को उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता के पास पर्याप्त अनुभव है और केवल शैक्षणिक योग्यता की कमी के आधार पर बर्खास्तगी अनुचित है। कोर्ट ने उन्हें बहाल करने और बकाया भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।