Angel Gupta Love Story: दिल्ली निवासी 26 साल की एक्ट्रेस ने प्रेमी को पाने की चाहत में उसकी पत्नी की हत्या की साजिश रची। इसके बाद अपने पिता की मदद से 10 लाख रुपये की सुपारी देकर उसकी हत्या करा दी। अब कोर्ट ने एक्ट्रेस, उसके प्रेमी और पिता समेत पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
Angel Gupta Love Story: गुरुग्राम की एक रात। क्लब के बाहर खड़ी लड़की। चेहरे पर गुस्सा और आंखों में बेचैनी। दो युवक उसे परेशान कर रहे थे। लड़की चीखने लगती है तो एक आदमी दौड़ता हुआ आया और बदमाशों को ललकारते हुए उनपर बरस पड़ा। उस रात मंजीत सिंह एंजल का रक्षक बना। यह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि रुपहले पर्दे पर छोटे-मोटे किरदार निभाने वाली एक एक्ट्रेस एंजल गुप्ता और दिल्ली निवासी मंजीत सिंह की रियल कहानी है। एक्ट्रेस के साथ हुए इसी वाकिये ने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी। दिल्ली कोर्ट ने प्रेमी, पिता और दो अन्य साथियों के साथ एक्ट्रेस को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। आइए आपको शुरुआत से पूरी कहानी बताते हैं…
दरअसल, यह कहानी मायानगरी की चकाचौंध में कामयाब नहीं हो पाने वाली 26 साल की एक्ट्रेस एंजल गुप्ता उर्फ शशिप्रभा की है। जो मायानगरी मुंबई से दिल्ली आकर रहने लगी थी। फिल्मों की दुनिया में नाम कमाने का सपना देखने वाली एंजल गुप्ता मनजीत सिंह के प्यार में ऐसी पागल हुई कि वह दिल दहलाने वाले हत्याकांड को अंजाम दे बैठी। अब वह 'एंजल गुप्ता' से 'कातिल शशि प्रभा' बनकर तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुकी है। हालांकि तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे जाने वाली एंजल गुप्ता अकेली नहीं है। उसके साथ प्रेमी से हमसफर बनने का सपना देखने वाले मंजीत सिंह, एंजल गुप्ता के उद्योगपति पिता राजीव गुप्ता, राजीव गुप्ता का ड्राइवर दीपक और दो शूटर्स विशाल और शहजाद को भी मनजीत सिंह पत्नी सुनीता की हत्या में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
शशि प्रभा का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी मां ब्रिटिश मूल की थीं। जबकि पिता भारतीय उद्योगपति थे। पहले शशिप्रभा के नाम से पल रही एंजल ने बॉलीवुड में नाम कमाने की चाहत में छोटी उम्र में ही मुंबई का रुख किया और मॉडलिंग के साथ फिल्म इंडस्ट्री में ‘एंजल गुप्ता’ के नाम से पहचान बनाई। खुद को लंदन में काम कर चुकी इंटरनेशनल मॉडल बताते हुए उन्होंने 20 से ज्यादा आइटम सॉन्ग और कुछ फिल्मों में छोटे रोल किए। मगर जल्दी ही यह करियर डूबने लगा। आर्थिक तंगी के चलते वे दिल्ली लौट आईं। जहां एंजल का खर्च मुश्किल से निकल रहा था।
दिल्ली में अपने पिता के साथ रह रही एंजल गुप्ता साल 2016 में गुरुग्राम के एक क्लब के बाहर खड़ीं किसी का इंतजार कर रही थीं। इसी बीच वहां कुछ लड़कों ने उन्हें छेड़ना शुरू कर दिया। इसपर एंजल लड़कों पर चीखने चिल्लाने लगीं। उनकी चीख सुनकर मौके पर 35 साल के मनजीत सिंह पहुंचे। मनजीत ने लड़कों को डपटकर वहां से भगाया। रात के अंधेरे में मनजीत सिंह की दिलेरी देखकर एंजल उन्हें अपना दिल दे बैठी। इसके बाद दोनों के बीच तेजी से नजदीकियां बढ़ीं और ये प्यार गहराता चला गया। मनजीत सिंह पहले से शादीशुदा था। उसकी एक 16 साल की बेटी थी। जबकि पत्नी सुनीता हरियाणा के एक स्कूल में टीचर थी। जब एंजल ने इस रिश्ते को शादी में बदलने की बात की तो सुनीता ने साफ इंकार कर दिया और मंजीत पर दबाव बनाकर उसके अफेयर को खत्म करवाया।
एंजल की आंखों पर प्रेम का ऐसा पर्दा पड़ा था कि उसने सुनीता को रास्ते से हटाने की ठान ली। उसने अपने पिता राजीव से मदद मांगी। राजीव के ड्राइवर दीपक ने दो शूटरों से संपर्क किया और 10 लाख की सुपारी तय हुई। 25 अक्टूबर 2018 को करवा चौथ के दिन हत्या की पहली कोशिश असफल रही। इसके बाद 29 अक्टूबर की सुबह, जैसे ही सुनीता स्कूल के लिए निकली। मंजीत ने इशारा किया और शूटरों ने दरियापुर पुलिस चौकी के पास गोलियों से भूनकर उसकी हत्या कर दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को सुनीता का मोबाइल फोन और पर्स मौके पर ही मिला। इससे ये साफ हो गया कि यह हत्या लूट के इरादे से नहीं की गई।
अब सवाल ये था कि आखिर हत्या के पीछे की वजह क्या है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए पुलिस सुनीता के घर पहुंची। जहां तलाशी के दौरान पुलिस को एक डायरी मिल गई। इसी डायरी ने सुनीता हत्याकांड की सारी पोल खोल दी। दरअसल, सुनीता ने अपनी डायरी में अपने पति मनजीत और एंजल गुप्ता के प्यार के बारे में सारी बातें लिखीं थीं। इसमें मंजीत के धोखे, सुनीता के दर्द और एंजल के खतरे का जिक्र था। जांच में बैंक ट्रांजेक्शन, कॉल रिकॉर्ड्स और मोबाइल लोकेशन भी काम आए। इसके बाद पुलिस ने एंजल गुप्ता, मनजीत सिंह, राजीव, दीपक और दोनों शूटरों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में एंजल गुप्ता, मनजीत सिंह बनाम सुनीता हत्याकांड के केस की चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद इस मामले में सात साल तक लंबी कानूनी प्रक्रिया चली। इसके बाद 28 अप्रैल 2025 को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने सभी आरोपियों को सुनीता हत्याकांड में दोषी ठहराया और तीन दिन बाद उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अब एंजल और मंजीत तिहाड़ जेल में हैं। जबकि सुनीता की डायरी और उसके बच्चे उसकी यादों को संजोए हुए हैं। अदालत के फैसले ने भले ही मां को वापस नहीं लाया, लेकिन इंसाफ की एक हल्की सी राहत जरूर दी।