Adulterated Paneer: भारतीय बाजार में तीन तरह का पनीर मौजूद है। इसमें एक असली, दूसरा एनालॉग और तीसरा पूरी तरह नकली है। इसमें भी एनालॉग पनीर को बेचने के लिए वैध माना गया है। इसके बावजूद लोग नकली पनीर बेच रहे हैं।
Adulterated Paneer: हाल ही में दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने 1400 किलो नकली पनीर पकड़ा। जो यूपी के अलीगढ़ की एक फैक्ट्री में खतरनाक केमिकल की मदद से तैयार किया जा रहा था। पुलिस ने वो फैक्ट्री भी सील कर दी है। इससे पहले भी इसी साल अप्रैल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फूड डिपार्टमेंट ने पनीर के 122 सैंपल की जांच की। इसमें से 83 प्रतिशत में मिलावट पाई गई। जबकि 40 प्रतिशत पनीर ऐसा मिला। जिसे खाने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे ही एक जांच कर्नाटक में की गई। जहां पनीर के 163 सैंपल में से सिर्फ चार पास हुए। बाकी फेल हो गए। लखनऊ में पनीर के 50 प्रतिशत सैंपल फेल गए। ये पनीर 160 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लोग पनीर खाने पर हर साल करीब 65 हजार करोड़ खर्च करते हैं। जो 2033 तक दो लाख करोड़ तक पहुंच सकता है, क्योंकि पनीर को प्रोटीन का प्रमुख स्त्रोत माना जाता है। फिलहाल भारत में हर साल लगभग पांच लाख टन पनीर की खपत होती है। ये आंकड़े सरकार के अनुमानों पर आधारित हैं। अब अगर बात दूध की करें तो एक किलो पनीर बनाने में करीब पांच लीटर दूध लगता है। ऐसे में पांच लाख टन पनीर बनाने में करीब 250 करोड़ लीटर दूध की आवश्यकता होगी। एक आंकड़े के अनुसार देश में कुल उत्पादन के सिर्फ सात प्रतिशत दूध से ही पनीर बनाया जाता है।
बाजार में आजकल गली-गली में 160 से 200 रुपये किलो पनीर आसानी से मिल रहा है। इसके उलट अगर हम आंकड़ों पर गौर करें तो बाजार में औसतन एक किलोग्राम असली पनीर की कीमत तीन सौ रुपये होनी चाहिए। उदाहरण के लिए अगर एक गाय या भैंस औसतन दिन में 10 लीटर दूध देती है और एक किलो पनीर बनाने के लिए कम से कम पांच लीटर दूध की आवश्यकता होती है। इस समय बाजार में एक लीटर दूध की कीमत कम से कम 60 रुपये है। अब अगर हम मान लें कि पांच लीटर दूध से एक किलो पनीर तैयार हुआ तो उसकी लागत सिर्फ तीन सौ रुपये है। ऐसे में बाजार में सस्ता पनीर कैसे मिल सकता है? यानी बाजार में सस्ते दाम में बिक रहा पनीर नकली है।
भारत देश में पनीर को इतना हेल्दी माना जाता है कि ब्रेड पकौड़े से लेकर टिक्का, बर्गर, छोले-भटूरे, पराठे समेत ज्यादातर चीजों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। एक आंकड़े के मुताबिक पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पनीर की मांग भारत में है। देश में अगर दूध का कुल उत्पादन देखें और पनीर का उत्पादन देखें तो नंबर चौंकाने वाले हैं। पशु पालन और डेयरी मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि देश में साल 2022-23 में कुल दूध उत्पादन 230,580,000 टन था। जो प्रति व्यक्ति 459 ग्राम है। इसका अगर सात प्रतिशत निकालें तो 329400000 लीटर निकलता है। जबकि पनीर 250 करोड़ लीटर दूध का बनाया जा रहा है। ऐसे में उत्पादन और खपत के बीच का यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। इसका मतलब ये है कि बाजार में बिकने वाला ज्यादातर पनीर या तो नकली है या फिर मिलावटी है।
भारत के बाजारों में तीन तरह का पनीर उपलब्ध है। इसमें एक असली पनीर है। जो दूध से बना होता है। दूसरा एनालॉग पनीर। ये सस्ते घी, पॉम ऑयल और मिल्क पाउडर से मिलकर बनता है। जो बहुत लोकप्रिय और इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा बाजार में नकली पनीर भी बेचा जाता है। इसमें खेतों में इस्तेमाल होने वाला यूरिया, डिटर्जेंट, हाईड्रोजन परॉक्साइड जैसे खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं। पूरे देश में ऐसी कोई रिपोर्ट या डेटा नहीं है। जिसमें यह बताया गया हो कि हर साल देश में कितना नकली पनीर बनाया या बेचा जाता है। हालांकि इंटरनेट पर हर शहर से ऐसी खबरें मिल जाएंगे। जहां नकली या मिलावटी पनीर पकड़ा जा चुका है।
डीडी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में महाराष्ट्र की डेयरी इंडस्ट्री ने एनालॉग पनीर की बिक्री पर पाबंदी लगाने की मांग की थी, क्योंकि बड़े-बड़े होटल्स और रेस्टोरेंट में असली की जगह एनालॉग पनीर इस्तेमाल किया जा रहा था। इसमें पनीर नहीं होता, बल्कि दिखावटी पनीर होता है। इसमें पनीर जैसा फैट होता है, लेकिन ये दूसरे सोर्सेज से आता है। बड़ी बात ये है कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड ऑफ इंडिया से इसे कानूनी मान्यता मिली है। इसकी शर्त ये है कि जो कंपनियां दिखावटी पनीर बाजार में बेच रही हैं। उन्हें इसके पैकेट पर ये लिखना होगा कि ये पनीर असली नहीं है।