
दिल्ली में 62 लाख वाहन बैन होने पर मचा सियासी बवाल।
Delhi Politics: दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण माने जा रहे करीबन 62 लाख दो पहिया और चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लागू हो गया है। एक जुलाई से इन वाहनों को पेट्रोप पंपों पर पेट्रोल और डीजल मिलना बंद हो गया। इसके साथ ही अपनी उम्र पूरी कर चुके इन वाहनों को सड़कों पर चलाने की मनाही है। अगर कोई भी उम्र पूरी कर चुके वाहन के साथ सड़क पर मिलता है तो दिल्ली पुलिस उसपर भारी जुर्माना लगाएगी। इसमें करीब 40 लाख दोपहिया और 22 लाख चौपहिया वाहन शामिल हैं। इसके तहत 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर ये आदेश लागू किया गया है। ऐसे ये वाहन कबाड़ हो गए हैं।
दिल्ली में भाजपा सरकार के इस आदेश को लेकर सियासी पारा हाई हो गया है। आम आदमी पार्टी ने इसे भाजपा सरकार का तुगलकी फरमान बताते हुए करारा हमला बोला है। बुधवार को आम आदमी पार्टी की कालकाजी विधायक और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का यह निर्णय केवल वाहन निर्माता कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया है। आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा को चुनावों के दौरान इन कंपनियों से भारी-भरकम चंदा मिला है और अब उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए आम लोगों की गाड़ियों को जबरन सड़क से हटाया जा रहा है।
आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा "यह फैसला सिर्फ एक मकसद से लिया गया है। वह ये है कि भाजपा की कार और बाइक बनाने वाली कंपनियों से सेटिंग हो गई है। इसके तहत भाजपा सिर्फ वाहन निर्माता कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती है।” आतिशी ने आगे कहा “सरकार का यह दावा कि पुरानी गाड़ियां अधिक प्रदूषण फैलाती हैं, पूरी तरह से तथ्यहीन है। अगर वाहन को ठीक से मेंटेन किया जाए तो वह सालों तक बिना अधिक प्रदूषण किए चल सकता है। सिर्फ गाड़ी पुरानी है। इसका मतलब यह नहीं कि वह ज्यादा चली हो। कुछ वाहन सात साल में ही तीन लाख किलोमीटर तक चल जाते हैं, जबकि कुछ 15 साल में भी पचास हजार किलोमीटर नहीं चलते।"
आतिशी ने भाजपा से सवाल पूछते हुए कहा "भाजपा को दिल्ली की जनता के सामने बताना चाहिए कि बीते पांच साल में पार्टी ने वाहन निर्माता कंपनियों से कितना चंदा लिया है? भाजपा को न तो प्रदूषण की चिंता है और न ही दिल्ली के आम नागरिकों की। उन्हें चिंता है तो बस चंदा देने वालों की।" आतिशी ने उदाहरण देते हुए कहा “अगर 62 लाख गाड़ियां सड़कों से हटेंगी, तो उतने ही लोगों को नई गाड़ियां खरीदनी होंगी। इसका सीधा फायदा वाहन कंपनियों को होगा।"
दरअसल, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली में उन वाहनों को बैन कर दिया है। जिनकी उम्र पूरी हो चुकी है। ऐसे में दिल्ली सरकार के इस फैसले से दिल्ली की करीब 62 लाख गाड़ियां प्रभावित होंगी। जिनमें 40 लाख दोपहिया और 20 लाख चारपहिया वाहन शामिल हैं। दिल्ली सरकार के इस फैसले का असर खासतौर से उन लोगों पर पड़ा है।
जो रोजाना के कार्यों के लिए दोपहिया या पुरानी कारों पर निर्भर रहते हैं। इसमें ज्यादातर मध्यमवर्गीय परिवार शामिल हैं। आतिशी ने बुधवार को दिल्ली सरकार से पूछते हुए कहा "दिल्ली के कई बुजुर्ग अपने घर से बाजार तक जाने के लिए सेकेंड हैंड गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। अब वे क्या करेंगे? क्या भाजपा सरकार चला रही है या फुलेरा गांव की पंचायत?
दूसरी ओर दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर करारा हमला बोला है। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा "दिल्ली के पूर्व सीएम ने अपनी अय्याशी के लिए दिल्ली की जनता के खून पसीने की कमाई के लिए शीशमहल बनवाया था। आज एक शीशमहल जनता को समर्पित किया गया है। ये अंतर है पूर्व की और आज की सरकार में। मैं तो यही कहूंगी कि जिन लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए काम किया। उन्हें कानून देखेगा। जनता का पैसा जनता के पास वापस जाना चाहिए। इसके लिए हम काम करेंगे।"
Updated on:
02 Jul 2025 02:43 pm
Published on:
02 Jul 2025 02:40 pm
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
