
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया।
AAP MLA Protest in Delhi: राजधानी दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। इस बार विवाद का केंद्र बने हैं दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा। उनके हालिया बयान के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और सिरसा को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग उठाई। सोमवार को पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन स्थित मंत्री के कार्यालय के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन में दर्जनों आप कार्यकर्ता काले झंडे, तख्तियां और नारेबाजी के साथ सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सिरसा ने अपने बयान में उत्तर प्रदेश और बिहार के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को ‘रोहिंग्या’ और ‘बांग्लादेशी’ करार देते हुए अपमानजनक टिप्पणी की है। जिससे पूर्वांचल के लोग आहत हैं।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब मंत्री सिरसा ने रविवार को एक बयान में कहा "मैं अरविंद केजरीवाल, आतिशी और आम आदमी पार्टी से कहना चाहता हूं कि आप रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के लिए जितना चाहें समर्थन कर लें, लेकिन हम उन्हें इस देश में नहीं रहने देंगे। हम ऐसी किसी भी राजनीति में शामिल नहीं होंगे जो दिल्ली के लोगों के जीवन से समझौता करती हो।" उनकी यह टिप्पणी तुरंत राजनीतिक बवंडर में बदल गई। AAP ने इसे उत्तर प्रदेश और बिहार से आए मेहनतकश नागरिकों का सीधा अपमान बताया।
AAP विधायक संजीव झा ने इस बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा "भाजपा कई दिनों से झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ रही है और मंत्री सिरसा ने वहां रहने वालों को रोहिंग्या कहकर सारी सीमाएं पार कर दी हैं। इनमें से अधिकतर लोग पूर्वांचल से हैं और भाजपा के इस रवैये से आहत हैं। हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि सिरसा माफी मांगे या उन्हें तुरंत पद से हटा दिया जाए।"
इसी प्रदर्शन में मौजूद AAP नेता विनय मिश्रा ने भी तीखा हमला करते हुए कहा "यह वही व्यक्ति है जो चुनाव के समय झुग्गियों में जाकर वोट मांगता था। अब वही लोगों का अपमान कर रहा है। भाजपा की पूर्वांचल विरोधी मानसिकता कोई नई बात नहीं है। इस बयान का असर न सिर्फ दिल्ली की राजनीति बल्कि बिहार चुनावों तक देखने को मिलेगा।"
फिलहाल भाजपा की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक सफाई नहीं आई है, लेकिन विरोध का स्वर तेज होता जा रहा है। यह देखना अहम होगा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल और भाजपा नेतृत्व इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं। एक ओर भाजपा को अपने मंत्री का बचाव करना होगा तो दूसरी ओर दिल्ली और बिहार में पूर्वांचली वोट बैंक की नाराजगी से भी निपटना होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले लाखों प्रवासी मतदाता पूर्वांचल, खासकर यूपी-बिहार से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में सिरसा के बयान से भाजपा को राजनीतिक नुकसान हो सकता है। खासकर उन इलाकों में जहां पूर्वांचली आबादी निर्णायक भूमिका निभाती है।
Published on:
30 Jun 2025 05:56 pm
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