Delhi: ATS को फईक के पास से बड़ी मात्रा में डिजिटल डाटा मिला है। जिसमें कई वीडियो, संदेश और चैट्स शामिल हैं। इनमें भारत में ‘गजवा-ए-हिंद’ के नाम पर जिहाद छेड़ने की अपील की गई है।
Delhi: देश के दुश्मन सिर्फ सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि भारत के अंदर भी छिपे हैं। जो आम नागरिक का मुखौटा लगाकर पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे ही एक बड़े नेटवर्क का खुलासा गुजरात ATS ने किया है। एजेंसी ने अलकायदा इन इंडियन सबकॉण्टिनेंट (AQIS) से जुड़े चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें से एक दिल्ली की गलियों में छिपा हुआ था और सोशल मीडिया के ज़रिये पाकिस्तान की मदद कर रहा था।
गुजरात ATS द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दिल्ली के चांदनी चौक निवासी मोहम्मद फईक का नाम प्रमुखता से सामने आया है। ATS के मुताबिक फईक पाकिस्तानी इंस्टाग्राम ‘@gujjar_sab.111’ और ‘@m_salauddin_siddiqui1360’ के साथ लगातार संपर्क में था। यह अकाउंट्स भारत विरोधी प्रचार, भड़काऊ वीडियो और गजवा-ए-हिंद के समर्थन में कंटेंट शेयर करते थे।
ATS को फईक के पास से बड़ी मात्रा में डिजिटल डाटा मिला है। जिसमें कई वीडियो, संदेश और चैट्स शामिल हैं। इनमें भारत में ‘गजवा-ए-हिंद’ के नाम पर जिहाद छेड़ने की अपील की गई है। जांच एजेंसियों ने फईक के मोबाइल और सोशल मीडिया डेटा के आधार पर 25 अतिरिक्त संवेदनशील अकाउंट्स और 62 संदिग्ध सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की जानकारी मांगी है।
दूसरा आरोपी जीशान अली उत्तर प्रदेश के मेरठ का रहने वाला है और बीते एक महीने से नोएडा की एक मोबाइल दुकान में काम कर रहा था। वह वहां से लोगों की गतिविधियों पर नज़र रख रहा था और पाकिस्तान भेजने के लिए वीडियो व ऑडियो क्लिप्स इकट्ठा कर रहा था। जांच में पता चला कि वह भी AQIS के नेटवर्क से जुड़ा था।
तीसरे और चौथे आरोपी मोहम्मद फरदीन और सैफुल्ला कुरैशी गुजरात में सक्रिय थे और स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों से जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इनके पास से भी कट्टरपंथी वीडियो, मैसेज और जिहादी साहित्य बरामद हुआ है। ATS का कहना है कि ये सभी भारत के खिलाफ साजिश का हिस्सा हैं और इनका संचालन पाकिस्तान से किया जा रहा था।
ATS सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ झूठी, भ्रामक और भड़काऊ जानकारियां फैला रहे थे। उनके कंटेंट का मकसद देश के युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ना, भारत की छवि को वैश्विक मंच पर खराब करना और आतंकी गतिविधियों को समर्थन देना था। यह गतिविधियां “साइबर जिहाद” की श्रेणी में आती हैं, जो नई पीढ़ी में ज़हर घोलने की कोशिश हैं।
पिछले एक महीने (24 जून से 24 जुलाई 2025) के दौरान देश में विभिन्न एजेंसियों द्वारा कुल 15 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से अधिकतर की सक्रियता सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों के जरिये सामने आई। ATS और अन्य एजेंसियां इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश में देश के कई शहरों में छापेमारी कर रही हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि इस मॉड्यूल से जुड़ा नेटवर्क सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम व टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर गहराई तक फैला हुआ है।