-गुजरात, राजस्थान, हरियाणा में बड़े जन-आंदोलन व यात्राओं की तैयारी -राहुल फिर कर सकते हैं भारत जोड़ो जैसी यात्रा -27 को सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनेगी सरकार को घेरने की रणनीति
शादाब अहमद
नई दिल्ली। अरावली पर्वतमाला की परिभाषा को लेकर मचे बवाल से कांग्रेस को एक बड़ा जन मुद्दा हाथ आ गया है। कांग्रेस अरावली और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून को समाप्त करने के मुद्दे में जनसमर्थन हासिल कर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अरावली बचाने और मनरेगा को बहाल करने के लिए गुजरात के महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम से यात्रा शुरू कर सकते हैं। हालांकि इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की 27 दिसंबर को होने वाली बैठक में किया जाएगा।
दरअसल, कांग्रेस अब तक गांधी परिवार को इडी, सीबीआई में फंसाने जैसे मुद्दों पर आंदोलन कर रही थी। इसमें जन समर्थन हासिल करना मुश्किल रहा है। अब अरावली पर्वतमाला पर छिड़ी बहस से केन्द्र सरकार बुरी तरह घिरी हुई दिख रही है। साथ ही इस मुद्दे पर राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और गुजरात में घर-घर में चर्चा देखने को मिल रही है। कांग्रेस के रणनीतिकारों को अब इसमें संजीवनी दिख रही है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अरावली के मुद्दे को सबसे पहलेे उठाया। राजस्थान में कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता इस मुद्दे पर प्रतिदिन कुछ न कुछ बयान या प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस अरावली के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन करने की रणनीति पर काम कर रही है।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि अरावली के मुद्दे पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत सबसे ज्यादा मुखर दिख रहे हैं। सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले कांग्रेस के मीडिया व प्रचार विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा की जयपुर में गहलोत से लंबी बैठक हुई। ऐसे बताया जा रहा है कि इस बैठक में अरावली और मनरेगा को लेकर जन आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा हुई है। साथ ही आंदोलन किसी यात्रा या सभाओं के माध्यम से करवाने पर चर्चा हुई।
कांग्रेस गुजरात में वापसी के लिए भरसक कोशिश में जुटी हुई है। जहां 2027 के अंत में विधानसभा चुुनाव होने हैं। फिलहाल गुजरात में संगठन सृजन कार्यक्रम पूरा किया गया है। अब कांग्रेस प्रदेश व जिला इकाइयों को मोबीलाइज करने के लिए राहुल के कार्यक्रम तय करवा सकती है।