नई दिल्ली

रेखा गुप्ता ने बताया सीएम की शपथ लेने से पहले का खास किस्सा, जब पति ने पूछ लिया गजब का सवाल

Rekha Gupta: रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि भारत की महिलाएं, चाहे वो मुख्यमंत्री बनें, जिलाधिकारी बनें या किसी और ऊंचे ओहदे पर पहुंचें। उनके लिए घर की जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होतीं।

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता। (फोटो सोर्सः @CMODelhi)

Rekha Gupta: भारतीय जनता पार्टी के लिए यह साल अब तक कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है। खासकर दिल्ली की राजनीति में, जहां बीजेपी ने 27 साल बाद राष्‍ट्रीय राजधानी की सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ प्रवेश किया। दिल्ली चुनाव के बाद जहां भाजपा का सत्ता तक पहुंचने का रास्ता साफ हुआ, वहीं आम आदमी पार्टी को दिल्ली ने सत्ता से बेदखल कर दिया। इसके बाद भाजपा ने रेखा गुप्ता के रूप में दिल्ली का सीएम भी चुन लिया। दिल्ली की सीएम बनने के पांच महीने बाद रेखा गुप्ता ने शपथ ग्रहण वाले दिन की एक दिलचस्प कहानी लोगों को सुनाई है।

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सीएम रेखा गुप्ता ने बताया शपथग्रहण से पहले का किस्सा

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली में सीएम पद की शपथ लेने से पहले उनके घर में हुआ घटनाक्रम साझा किया है। इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद महिलाओं के सामने जहां अपनी दोहरी जिम्मेदारी की कहानी सुनाई, वहीं महिलाओं को उनकी जिम्मेदारी का अहसास भी कराया। मौका था ‘आजतक’ द्वारा आयोजित 'वीमेन समिट 2025' का। जिसमें देशभर की महिला नेताओं और प्रभावशाली शख्सियतों ने हिस्सा लिया था। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को भी इसमें आमंत्रित किया गया था।

सीएम बनी, लेकिन घर की जिम्मेदारी वही रही

रेखा गुप्ता ने समिट के मंच से अपने शपथग्रहण के दिन की एक रोचक घटना साझा करते हुए बताया कि जब वह सीएम पद की शपथ लेने जा रही थीं, तब उनके पति इस उलझन में थे कि कौन सी शर्ट पहननी चाहिए। उन्होंने कहा "मैं तैयार हो रही थी। तय हुआ था कि पहले मंदिर जाएंगे, फिर शपथग्रहण समारोह के लिए निकलेंगे। तभी मेरे पति ने पूछा अरे मैं शर्ट कौन सी पहनूं?’ उस समय मैं मुस्कुरा पड़ी। मैंने पति की ओर देखकर कहा "मैं भले ही दिल्‍ली की मुख्यमंत्री बन गई हूं, लेकिन घर में सबका क्या खाया-पिया, क्या पहना ये देखना आज भी मेरी जिम्मेदारी है।"

महिलाओं के पास होती है डबल जिम्मेदारी

रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि भारत की महिलाएं, चाहे वो मुख्यमंत्री बनें, जिलाधिकारी बनें या किसी और ऊंचे ओहदे पर पहुंचें। उनके लिए घर की जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होतीं। उन्होंने एक और किस्सा साझा करते हुए कहा "आज भी जब मैं यहां समिट में आ रही थी तो मुझे याद आया कि घर पर मेहमान आने वाले हैं। मैं दरवाजे से निकल चुकी थी, लेकिन फिर वापस मुड़कर अंदर गई। बाहर खड़े लोग सोचने लगे कि मैडम वापस क्यों जा रही हैं। लेकिन अंदर जाकर मैंने किचन में रसोइए से पूछा सब्जी-भाजी का इंतजाम हो गया है न? कौन सी सब्जी बनी है, क्या-क्या रखा है।" रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि महिलाएं चाहे कितनी भी बड़ी जिम्मेदारियों में हों, मन हमेशा घर की ओर लगा रहता है। बच्चों ने खाना खाया कि नहीं, सब ठीक है कि नहीं, ये सवाल हमेशा दिमाग में चलते रहते हैं।

राजनीति में महिलाओं की भूमिका पर संदेश

कार्यक्रम के अंत में रेखा गुप्ता ने महिलाओं को संदेश दिया कि चाहे वे किसी भी क्षेत्र में हों, उन्हें अपनी पहचान और संतुलन दोनों बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “सीएम बनने के बाद भी मैं एक मां, पत्नी और बेटी हूं और यही मेरी असली ताकत है।”

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