Pritam Murder Case: प्रीतम की हत्या की साजिश रचने में उसकी पत्नी सोनिया का ही हाथ था। इसके अलावा सोनिया के प्रेमी रोहित ने शव को ठिकाने लगाया। इसमें सोनिया के बहनोई विजय ने भी पैसे लेकर उसका साथ दिया।
Pritam Murder Case: दिल्ली की पुलिस ने एक साल पहले हुए प्रीतम हत्याकांड का खुलासा किया है। इसमें प्रीतम की पत्नी सोनिया, उसके बहनोई विजय और सोनिया के प्रेमी रोहित की संलिप्तता मिली है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। अब उन्हें जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि सोनिया प्रीतम की प्रताड़ना से परेशान थी। प्रीतम एक खूंखार अपराधी था। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। एक साल बाद सोनिया के प्रेमी की एक गलती से पुलिस ने पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया। इसके बाद रोहित के साथ अपनी आगे की जिंदगी ऐशो आराम के साथ बिताने का सपना पाले बैठी सोनिया के अरमानों पर भी पानी फिर गया। अब उसे सलाखों के पीछे अपनी पूरी जिंदगी बितानी पड़ेगी।
सोनिया ने पुलिस पूछताछ में बताया कि प्रीतम शराब के नशे में उसे रोज पीटता था। वह प्रीतम से परेशान रहती थी। यह घरेलू उत्पीड़न इतना गंभीर था कि सोनिया मानसिक और शारीरिक तौर पर बेहद कमजोर हो चुकी थी। पति की बेरहमी से तंग आकर वह अपनी जिंदगी से छुटकारा पाने के लिए हत्या की योजना बनाने पर मजबूर हो गई। इसके चलते उसके अवैध संबंध रोहित से हो गए। रोहित का भी बड़ा आपराधिक इतिहास है। रोहित के साथ मिलकर सोनिया ने एक साल पहले प्रीतम प्रकाश की हत्या करवा दी। इसमें सोनिया के बहनोई विजय ने पैसे लेकर उसका साथ दिया था।
पुलिस के मुताबिक, पिछले साल 5 जुलाई को सोनिया अपनी बहन के घर गई थी। रात को प्रीतम प्रकाश उसे लेने के लिए वहां पहुंचा। इस दौरान सोनिया ने प्रीतम प्रकाश ने वहीं रुकने की जिद की, लेकिन सोनिया और रोहित पहले से ही हत्या की योजना बना चुके थे। इस हत्याकांड में सोनिया की बहन का पति विजय भी शामिल था। विजय ने ही रास्ते में अंधेरे का फायदा उठाकर प्रीतम की हत्या की। इसके बाद सोनिया और रोहित प्रीतम के शव हरियाणा की सीमा में स्थित एक नहर में फेंक आए। ताकि सबूत मिट जाएं और पुलिस की जांच से बचा जा सके।
हत्याकांड के कुछ दिन बाद नहर में पुलिस को एक शव उतराता हुआ मिला, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी। इधर, दिल्ली में सोनिया ने प्रीतम की गुमशुदगी भी दर्ज करवा दी। दिल्ली पुलिस ने भगोड़ा अपराधी प्रीतम से जुड़ा मामला देख अपनी जांच को तेज किया। हालांकि कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगने के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद अचानक पुलिस ने प्रीतम की पत्नी सोनिया की तहरीर को दोबारा देखा तो उसमें प्रीतम का मोबाइल नंबर दिया था। यही मोबाइल नंबर इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में मददगार साबित हुआ।
दरअसल, प्रीतम की हत्या के बाद सोनिया ने उसका मोबाइल अपने प्रेमी रोहित को देकर नष्ट करने के लिए कहा था, लेकिन रोहित ने वो मोबाइल नष्ट नहीं किया। कुछ दिन तक बंद रखने के बाद रोहित प्रीतम का मोबाइल खुद ही इस्तेमाल करने लगा। पुलिस ने जब प्रीतम का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर डाला तो उसकी लोकेशन हरियाणा के सोनीपत में मिली। पुलिस ने सोनीपत में छापा मारा तो रोहित पकड़ा गया।
पुलिस की मानें तो जब रोहित को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने पहले पुलिस को बरगलाने की कोशिश की। रोहित ने बताया कि उसने यह मोबाइल किसी से खरीदा था, उस शख्स का नाम उसे याद नहीं है। इसपर पुलिस ने थोड़ी सख्ती की तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और हत्याकांड का खुलासा कर दिया। उसने बताया कि सोनिया और उसने मिलकर पति की हत्या की सुपारी दी थी और विजय को यह काम सौंपा था।
हत्या के बाद वे शव को छुपाने में सफल रहे और नए जीवन की तैयारी करने लगे। लेकिन रोहित की गलती और पुलिस की सतर्कता ने इस हत्याकांड की पोल खोल दी। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले को लेकर व्यापक जांच की और कई अहम सबूत जुटाए। उन्होंने सोनिया, रोहित और विजय को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों ने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। पुलिस का कहना है कि यह केस घरेलू हिंसा और नशे के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव का खतरनाक उदाहरण है।