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प्रदेश में आएंगे 2 हजार 112 वाहन, डिजिटल वायरलैस पर बात करेगी पुलिस

आने वाले दिनों में डायल 100 सेवा प्रदेश स्तर पर नए क्लेवर में दिखेगी। करीब एक दशक पहले चालू हुई इस सेवा की कमान अब हैदराबाद की कंपनी संभालेगी।

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Police will hand over digital wireless

अंग्रेजों के जमाने में बनी पुलिस अब बदल रही है। प्रदेश स्तर पर फोर्स को और आधुनिक बनाने की कवायद चल रही है। पुलिस मुख्यालय का प्लान 15 अगस्त पर फोर्स को वायरलैस सेट लेकर डायल 100 सेवा को और आधुनिक बनाने से लेकर साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए ठोस इंतजामों की शुरूआत की है। इस कोशिश में डायल 100 का तो स्वरुप ही बदला जा रहा है। नई कंपनी को इस सेवा की कमान सौंपी गई है। इसमें सेवा का नंबर 112 होगा और गाडिय़ों की तादात भी दोगुनी होगी।
पुलिस अधिकारी कहते हैं आने वाले दिनों में डायल 100 सेवा प्रदेश स्तर पर नए क्लेवर में दिखेगी। करीब एक दशक पहले चालू हुई इस सेवा की कमान अब हैदराबाद की कंपनी संभालेगी। दूसरे फेज में सेवा का नंबर भी डायल 100 से बदलकर 112 होगा। अभी तक प्रदेश में डायल 100 के एक हजार वाहन पुलिस की मदद के लिए थे, अब इनकी गिनती दोगुनी होगी। ग्वालियर में अभी तक डायल 100 के 45 वाहन थे अब इनमें 9 गाडिय़ां और बढ़ेंगी।

स्टे्रचर से लैस होगा वाहन

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक डायल 112 सेवा में वाहनों को शहर और देहात की सडक़ों की हिसाब से रखा जाएगा।फिलहाल करीब 1200 वाहनों की खेप पीएचक्यू के पास आ चुकी है। इन्हें सडक़ों पर उतारने की तैयारी तो 15 अगस्त से है, लेकिन वाहनों को पुलिस जरुरत के हिसाब से तैयार करवा रही है। अभी तक करीब 400 वाहन को तैयार किया गया है। सभी वाहनों को मॉडीफाई करने में कुछ वक्त और लग सकता है। वाहन में इस बार पुलिस बलवा ड्रिल और सुरक्षा के साधनों के साथ स्ट्रेचर भी रखेगी। क्योंकि अक्सर वारदातों में जख्मी लोगों को इलाज के लिए ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ता है। इसमें कई बार घायल का गोल्डन ऑवर उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए वाहन के इंतजार में ही निकल जाता है। अब डायल 112 में जख्मी व्यक्ति को ले जाने का इंतजाम भी रहेगा।

डिजिटल वायरलैस थामेगी पुलिस

बदलाव की तैयारियों में पुलिस के वायरलैस सिस्टम को भी आधुनिक किया जा रहा है। पुराने वायरलैस सेट की जगह डिजिटल सेट पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को थमाए जाएंगे। पहली खेप में करीब 300 सेट जिले को मिलेंगे।
यह होगा फायदा

डिजिटल वायरलैस सेट जीपीएस सिस्टम से लैस है। इससे बात करने वाले पुलिसकर्मी की लोकेशन पता चलेगी

  • पुराने सेट की तुलना काफी छोटा है।
  • पुराने सेट अक्सर शहर और देहात के कुछ इलाकों में काम नहीं करते। डिजिटल सेट की फ्रीक्वेंसी बेहतर रहेगी।साइबर थाने बनाने की तैयारी

प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाने खोले जाने की योजना तो पुरानी है। साइबर अपराधों का ग्राफ जिस तेजी से बढ़ रहा है उसे देखते हुए पीएचक्यू जल्दी से जल्दी थाने खोलने की तैयारी में है।

Published on:
31 Jul 2025 10:27 pm
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