66 हजार 989 सरकारी स्कूलों में हुई राज्यस्तरीय पैरेंट-टीचर मीटिंग डीग जिला 75 प्रतिशत उपस्थिति के साथ प्रदेश में अव्वल भीलवाड़ा में 64 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करवाई अभिभावकों ने
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में आयोजित मेगा पैरेंट-टीचर मीटिंग (पीटीएम) ने शिक्षा के क्षेत्र में नई जागरुकता का संकेत दिया है। प्रदेश के 66 हजार 989 सरकारी विद्यालयों में आयोजित राज्यस्तरीय पीटीएम में 62.21 प्रतिशत अभिभावक शामिल हुए। शिक्षा विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 63 हजार 624 विद्यालयों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि 3365 विद्यालयों ने अब तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
75 लाख में से 46.78 लाख विद्यार्थियों के अभिभावक बने सहभागी
प्रदेश में नामांकित 75 लाख 19 हजार 965 विद्यार्थियों में से 46 लाख 78 हजार 369 विद्यार्थियों के अभिभावक मीटिंग में शामिल हुए। विभाग का मानना है कि यह सहभागिता बच्चों की शैक्षणिक प्रगति और विद्यालयों की गुणवत्ता सुधार के प्रति सकारात्मक संकेत है।
डीग जिला अव्वल, नागौर और सिरोही सबसे नीचे
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, डीग जिला 75 प्रतिशत अभिभावक उपस्थिति के साथ प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। बालोतरा, करौली, प्रतापगढ़ और बाड़मेर जिलों में भी 70 प्रतिशत तक उपस्थिति दर्ज की गई। वहीं झुंझुनूं, बूंदी, टोंक, दौसा और खैरथल-तिजारा जैसे जिलों ने 66 से 68 प्रतिशत की उल्लेखनीय भागीदारी दिखाई। दूसरी ओर, नागौर, सिरोही और डीडवाना-कुचामन जिलों में अभिभावक उपस्थिति केवल 55 प्रतिशत रही, जो राज्य औसत से काफी कम है।
भीलवाड़ा 13वें स्थान पर 64 प्रतिशत अभिभावक उपस्थित
भीलवाड़ा जिले के 2807 विद्यालयों में से 2615 स्कूलों ने पीटीएम रिपोर्ट प्रस्तुत की, जबकि 192 स्कूलों ने रिपोर्ट नहीं भेजी। इन स्कूलों में 3 लाख 21 हजार 334 विद्यार्थी नामांकित हैं, जिनमें से 2 लाख 5 हजार 780 विद्यार्थियों के अभिभावक मीटिंग में शामिल हुए। यह आंकड़ा 64 प्रतिशत उपस्थिति का रहा है। इससे भीलवाड़ा जिला प्रदेश में 13वें स्थान पर रहा। अभिभावकों ने न केवल शिक्षकों से बच्चों की प्रगति की जानकारी ली, बल्कि विद्यालयों को और बेहतर बनाने के सुझाव भी दिए।
शिक्षा की गुणवत्ता और संवाद को मजबूत करना
शिक्षा विभाग ने बताया कि मेगा पीटीएम का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों और अभिभावकों के बीच संवाद बढ़ाना है, ताकि बच्चों की शैक्षणिक प्रगति और शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार लाया जा सके। विभाग अब इस पहल को और प्रभावी बनाने की तैयारी में जुट गया है। आने वाले महीनों में पीटीएम को नियमित और अधिक सहभागी बनाने की दिशा में नई योजनाएं लागू की जाएंगी।
सबसे कम अभिभावक उपस्थिति वाले जिले
सिरोही, नागौर व डीडवाना-कुचामन 55-55 प्रतिशत, पाली व चित्तौड़गढ़ 56-56 प्रतिशत, उदयपुर, जोधपुर व हनुमानगढ़ 58-58 प्रतिशत, फलौदी, चूरू, बीकानेर व ब्यावर 59-59 प्रतिशत अभिभावक उपस्थित हुए।
सबसे ज्यादा अभिभावक उपस्थिति वाले जिले
डीग 75, बालोतरा, करौली व प्रतापगढ़ में 70-70, बाड़मेर 69, झुंझुनूं 68, बूंदी व टोंक 67-67 प्रतिशत, दौसा व खैरथल-तिजारा 66-66 प्रतिशत, अजमेर व जालोर 65-65 तथा भीलवाड़ा में 64 प्रतिशत अभिभावक उपस्थित हुए हैं।