जयपुर

हिरासत में मौत के बढ़ते मामलों के बीच राजस्थान पुलिस ने बदला प्रोटोकॉल, अब ऐसे होगी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई

Police Custody Death: पुलिस हिरासत में मौत के बढ़ रहे मामलों के बीच राजस्थान पुलिस ने अपना प्रोटोकॉल बदल दिया है। अब ऐसे मामलों में पूरे थाने को लाइन हाजिर नहीं किया जा रहा।

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Aug 06, 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर-एआई

जयपुर। राजस्थान के अंदर पुलिस हिरासत में मौतों और पुलिस पर प्रताड़ना के आरोपों के बीच एक अहम बदलाव सामने आया है। अब तक का प्रोटोकॉल कहता था कि किसी भी थाने में अगर पुलिस हिरासत में मौत होती है, तो उस थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। लेकिन अब राजस्थान पुलिस ने इस नियम में बदलाव कर दिया है।

पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब यह फैसला हर मामले के आधार पर अलग-अलग लिया जा रहा है। यानी, सभी कर्मचारियों को हटाने की बजाय केवल उन्हीं को हटाया जा रहा है जो सीधे तौर पर आरोपी हों। इससे जांच की प्रक्रिया में असंगतता और भ्रम की स्थिति बन रही है।

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राजस्थान में हालिया पुलिस हिरासत में मौत

7 जून: एक 26 वर्षीय बलात्कार के आरोपी की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

23 जून: 28 वर्षीय मनीष पांडे ने जयपुर के सदर थाने में आत्महत्या कर ली। पांच पुलिसकर्मी निलंबित।

12 जुलाई: भरतपुर के उद्योग नगर थाने में तीन दिनों तक पुलिस हिरासत में रखे जाने के बाद एक 22 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। एसएचओ और कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया।

15 जुलाई: अलवर में एक 22 वर्षीय व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में, उसने पुलिस पर अवैध हिरासत और यातना का आरोप लगाया।

27 जुलाई: बारां में एक 28 वर्षीय हत्या आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई, जिसके बाद 23 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया।

इस मामले में 23 पुलिसकर्मियों पर गिरी थी गाज

उदाहरण के तौर पर, भरतपुर के उद्योग नगर थाने में 12 जुलाई को एक युवक की कथित रूप से आत्महत्या हो गई थी। आरोप है कि युवक को तीन दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था। इस मामले में सिर्फ थाने के एसएचओ और एक सिपाही को लाइन हाजिर किया गया। जबकि बारां में एक 26 वर्षीय युवक की हिरासत में मौत पर 23 पुलिसकर्मियों को हटाया गया।

बारां एसपी ने क्या कहा ?

बारां के एसपी अभिषेक अर्धांशु ने कहा कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सभी 23 पुलिसकर्मियों को हटाना जरूरी था। वहीं भरतपुर रेंज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब केवल उन्हीं अधिकारियों को हटाया जाता है, जिनपर प्रताड़ना का सीधा आरोप हो।

राजस्थान में बढ़े हिरासत में मौत के मामले

यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है जब प्रदेश में हिरासत में मौत और पुलिस की क्रूरता के आरोप तेजी से बढ़े हैं। जून महीने में जयपुर के सदर थाने और श्रीगंगानगर के राजियासर थाने में ऐसी घटनाएं सामने आई थीं। वहीं इसी महीने की शुरुआत में एक 22 वर्षीय युवक की हिरासत में मौत के मामले में उसके परिजनों ने प्रताड़ना का आरोप लगाया और घटना के करीब तीन सप्ताह बाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई।

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Published on:
06 Aug 2025 12:05 pm
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