केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेशों में छिपे भारतीय भगोड़ों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीबीआइ से कहा है कि वह खुफिया ब्यूरो (आइबी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के साथ मिलकर भगोड़ों की पहचान और प्रत्यर्पण के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया […]
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेशों में छिपे भारतीय भगोड़ों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीबीआइ से कहा है कि वह खुफिया ब्यूरो (आइबी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के साथ मिलकर भगोड़ों की पहचान और प्रत्यर्पण के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करे।
शाह ने इस बात पर जोर दिया कि अलग-अलग राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों को समर्पित टीमें गठित करनी चाहिए, जिनमें अनुभवी वकील भी शामिल हों, ताकि भगोड़ों के खिलाफ कानूनी और राजनयिक कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ सके। गृह मंत्री ने कहा कि भगोड़ों के डोजियर तैयार करने की समयसीमा एक माह से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की छवि और न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए भगोड़ों को समयबद्ध तरीके से वापस लाना अनिवार्य है।
सीबीआइ ने पिछले पांच वर्षों में 137 भगोड़ों को वापस लाने में सफलता हासिल की है, जो 2010 से 2019 के बीच की पूरी एक दशक की संख्या से लगभग दोगुनी है। इनमें से 27 भगोड़े सिर्फ इस वर्ष ही सितंबर तक वापस लाए गए हैं। शाह ने यह भी कहा कि भारतपोल पोर्टल की शुरुआत से इंटरपोल नोटिस जारी करने की प्रक्रिया काफी तेज और सुगम हो गई है।
भारतपोल पोर्टल के जरिए इंटरपोल नोटिस का मसौदा तैयार करना और अन्य प्रक्रियाएं अब आसान हो गई हैं। यह पोर्टल अपराध और अपराधियों की वैश्विक स्तर पर पहचान और ट्रैकिंग को अधिक प्रभावी बना रहा है तथा अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग को भी नई दिशा दे रहा है।