मोतीनगर थाना पुलिस की गिरफ्त में आए ऑनलाइन सट्टा गेम खिलाने वाले सटोरिया एक के बाद एक राज उगल रहे हैं। सटोरियों के पास जो खाते मिले हैं उनमें अधिकांश गरीब लोगों के हैं, जिसमें कुछ सागर जिले के तो कुछ छत्तीसगढ़ के व्यक्ति शामिल हैं।
सागर. मोतीनगर थाना पुलिस की गिरफ्त में आए ऑनलाइन सट्टा गेम खिलाने वाले सटोरिया एक के बाद एक राज उगल रहे हैं। सटोरियों के पास जो खाते मिले हैं उनमें अधिकांश गरीब लोगों के हैं, जिसमें कुछ सागर जिले के तो कुछ छत्तीसगढ़ के व्यक्ति शामिल हैं। सटोरियों ने इन गरीब लोगों को 5 हजार रुपए महीने का देने का बोल बैंक में खाते खुलवाए और उनके एटीएम-चेकबुक अपने पास रख लिए। जिनके नाम की चेकबुक-एटीएम पुलिस ने जब्त किए हैं उनको यह पता ही नहीं था कि उनके नाम से इतना बड़ा अवैध करोबार चल रहा है। पुलिस की पूछताछ में कुछ नए नाम सामने आए हैं। इन नए नामों में कुछ लोकल के सटोरी तो कुछ प्रदेश के बाहर के भी हैं।
शनीचरी में पकड़े गए सटोरियों को अमन दिन के हिसाब से रुपयों का भुगतान करता था। वह उन्हें ऊपर से मिली सट्टा गेम की लिंक देता था और वह अलग-अलग मोबाइल और सिम से अपनी पहचान छिपाकर लोगों को जाल में फंसाकर वह लिंक उपलब्ध कराते थे, लेकिन इसका पूरा कंट्रोल अमन के पास ही रहता था। इस अवैध कारोबार से जो रुपए आते थे उन्हें एटीएम, चेकबुक के माध्यम से निकालकर अमन हवाला कारोबारियों के सहारे दुबई व श्रीलंका में बैठे अपने आकाओं को पहुंचाता था।
इंदौर से पकड़े गए नमक मंडी क्षेत्र में रहने वाले जिस अमन पुत्र अनिल जैन को पुलिस सरगना बता रही थी वह भी किसी दूसरे के इशारे पर काम कर रहा है। अमन का बॉस छत्तीसगढ़ का रहने वाला है और उसी के इशारे पर यह मध्यप्रदेश में ऑनलाइन सट्टे का कारोबार चलाता था। अमन ने करीब तीन साल पहले छत्तीसगढ़ निवासी इसी व्यक्ति के पास रहकर पूरी ट्रेनिंग ली थी और अब वह अपना करोबार फैलाने इंदौर में सक्रिये था।
पुलिस ने आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में चेकबुक, एटीएम और पासबुक जब्त किए थे। इसके बाद बैंकों में आवेदन देकर खाते तो फ्रीज करा दिए हैं, लेकिन इन खातों में कितने रुपए हैं। कब से यह खाते संचालित हो रहे थे और ऑनलाइन कहां-कहां रुपए ट्रांसफर किए गए हैं यह जानकारी निकलने में कुछ दिन का समय लग सकता है, क्योंकि इसमें कई बैंकों के खाते शामिल हैं।
अमन जैन सहित जिन लोकल के सटोरियों को पकड़ा है उनकी संपत्ति का ब्यौरा भी निकालेंगे। उनके घरों के वाहन समेत अन्य भौतिक सुख-सुविधाओं की चीजें अवैध करोबार की मदद से तो नहीं खरीदीं गईं, यह भी पता लगा रहे हैं।
जसवंत सिंह राजपूत, थाना प्रभारी, मोतीनगर