जिले में एचआइवी संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिले में करीब पांच सौ ऐसे मरीज हैं जिनमें एचआइवी पॉजिटिव आया है।
जिले में एचआइवी संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिले में करीब पांच सौ ऐसे मरीज हैं जिनमें एचआइवी पॉजिटिव आया है। वहीं महिलाओं में भी दस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एचआइवी नियंत्रण के लिए काम कर रहे सामाजिक संस्थानों का कहना है कि पलायन और देह व्यापार जैसे कई कारण हैं जो महिलाओं में संक्रमण फैलाने का कारक बन रहे हैं। सरकार, प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं के जागरूक करने के बाद भी जिला एचआईवी/एड्स संक्रमण के मामले में रफ्तार पकड़े हुए है। इस वर्ष के जो आंकड़े आए हैं वह चौकाने वाले हैं। इस वर्ष संक्रमण के 100 नए मरीज दर्ज किए गए हैं।
वहीं पिछले वर्ष की तुलना महिलाओं में एचआईवी/एड्स संक्रमण की दस प्रतिशत वृद्धि हुई है। पिछले साल जिले में 358 संक्रमित मरीज थे, जहां अब उनकी संख्या 501 पहुंच गई है। वहीं 45 प्रतिशत महिलाएं संक्रमण की चपेट में आईं हैं।
सामाजिक संस्थान के योगेश साहू ने बताया कि वे उनका एनजीओ एचआईवी संक्रमण को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वे कई इलाकों में कैंप लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे। संक्रमण फैलने की बात पर उनका कहना है कि अधिकांश यौन गतिविधियां इस बीमारी की वजह है। राज्य से पलायन कर चुके मजदूर शहरों में नशे की हालत में अनैतिक कार्य करते हैं जिससे संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है।
देह व्यापार भी एक वजह
जिले में 45 प्रतिशत महिलाएं एचआईवी की चपेट में हैं। वर्ष 2024-25 में पांच प्रतिशत का इजाफा हुआ है। महिलाओं में देह व्यापार की ललक इस बीमारी की मुख्य वजह मानी जा रही है। इस दौरान असुरक्षित यौन संबंध इस रोग को फैलाने का कारण है। वहीं संक्रमित सुई भी एड्स का कारण हैं, लेकिन सरकार की तत्परता और जागरूकता के कारण संक्रमित सुई से वायरस फैलने के केस बहुत कम हैं। जिले में कुछ गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई गईं, लेकिन सकारात्मक पहलू यह है कि समय पर इलाज से उनके नवजात बच्चे संक्रमण से सुरक्षित रहे।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने जून से जुलाई तक चलने वाले एक महीने के जागरूकता अभियान की शुरुआत की थी। इसमें शहर के एनजीओ मिलकर कैंप लगाकर लोगों को एड्स से बचाव के प्रति जागरूक कर रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक, पोस्टर, बैनर और शिविर लगाकर जानकारी दी जा रही है। साथ ही आगामी दिनों में प्रशासन संक्रमण के प्रति जागरूक करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
| महीना | पुरुष | महिला | एएनसी |
|---|---|---|---|
| अप्रैल 2024 | 131 | 68 | 329 |
| मई 2024 | 150 | 96 | 356 |
| जून 2024 | 132 | 71 | 378 |
| जुलाई 2024 | 203 | 93 | 387 |
| अगस्त 2024 | 150 | 102 | 344 |
| सितंबर 2024 | 146 | 108 | 372 |
| अक्टूबर 2024 | 226 | 66 | 257 |
| नवंबर 2024 | 185 | 121 | 349 |
| दिसंबर 2024 | 236 | 136 | 385 |
| जनवरी 2025 | 222 | 156 | 456 |
| फरवरी 2025 | 160 | 119 | 464 |
| मार्च 2025 | 153 | 124 | 484 |
| कुल | 2102 | 1260 | 4561 |
| महीना | पुरुष | महिला | एएनसी |
|---|---|---|---|
| अप्रैल 2024 | 2 | 3 | 1 |
| मई 2024 | 5 | 1 | 1 |
| जून 2024 | 1 | 1 | 0 |
| जुलाई 2024 | 2 | 2 | 0 |
| अगस्त 2024 | 5 | 2 | 1 |
| सितंबर 2024 | 3 | 1 | 0 |
| अक्टूबर 2024 | 4 | 0 | 1 |
| नवंबर 2024 | 4 | 1 | 1 |
| दिसंबर 2024 | 3 | 1 | 1 |
| जनवरी 2025 | 0 | 0 | 0 |
| फरवरी 2025 | 4 | 2 | 0 |
| मार्च 2025 | 1 | 1 | 0 |
एचआइवी के मामले बढ़े हैं। कई लोग तो संक्रमित सुई से पॉजिटिव हुए हैं। करीब दो सौ से अधिक लोग हाई रिस्क श्रेणी में हैं। संक्रमण के पीछे पलायन और देह व्यापार भी बड़ी वजह बन रहा है। दस प्रतिशत अधिक इस वर्ष महिलाओं में संक्रमण के मामले आए हैं।
योगेश साहू, रिसर्चर एड्स एक्टिविटी