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सीएस ने टटोली शिक्षा की नब्ज, अधिकारियों के फील्ड विजिट पर दिया जोर

मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, निपुण राजस्थान, प्रखर राजस्थान, शाला संबलन एप, डिजिटल प्रवेशोत्सव, स्टेट ओपन और बाल वाटिका इसमें शामिल हैं।

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Dec 20, 2025

मुख्य सचिव ने किया शिक्षा संकुल का दौरा

जयपुर । पीएम श्री स्कूल मॉडल को लेकर दिल्ली में होने वाली मुख्य सचिवों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस से पहले शनिवार को शिक्षा संकुल में मुख्य सचिव शिक्षा विभाग की नब्ज टटोलने पहुंचे। इस दौरान राजस्थान की कई आउटस्टैंडिंग बेस्ट प्रैक्टिसेज को सीएस के सामने रखा गया, जिसे राष्ट्रीय मंच पर पेश किया जाएगा। इस दौरान पीएम श्री स्कूल रैंकिंग, ओपन स्कूल, प्रबल प्रोग्राम, शिक्षा-स्वास्थ्य कार्यक्रम, विद्या समीक्षा केंद्र सहित शिक्षा सुधारों और चुनौतियों पर मंथन किया गया। साथ ही मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र में जाकर धरातल पर स्थित जानने के निर्देश दिए खासकर नए अधिकारियों को एक्सपोजर विजिट करने को कहा।

प्रदेश के मुख्य सचिव वी श्रीनिवास शनिवार को शिक्षा संकुल पहुंचे। यहां उन्होंने संकुल परिसर में स्थित स्टेट ओपन स्कूल कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागीय योजनाओं और कामकाज को लेकर चर्चा की। वहीं विद्या समीक्षा केंद्र में प्रेजेंटेशन के जरिए मुख्य सचिव को विभागीय कामकाज की जानकारी दी गई। प्रेजेंटेशन के दौरान बताया गया कि विद्या समीक्षा केंद्र शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए डेटा और टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों के प्रशिक्षण, स्कूल के प्रदर्शन और सीखने के परिणामों जैसे विभिन्न डेटा बिंदुओं की निगरानी, उपस्थिति, नामांकन, सीखने के स्तर और दूसरे डाटा का विश्लेषण कर शिक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाने को लेकर भी जानकारी दी गई।

राष्ट्रीय मंच पर राजस्थान का प्रजेंटेशन :
इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि 27 दिसंबर को दिल्ली में मुख्य सचिवों की कॉन्फ्रेंस आयोजित होगी। जिसमें प्रमुख रूप से पीएम श्री स्कूल मॉडल पर चर्चा होगी। राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था को लेकर इस संबंध में जानकारी ली गई है। विद्या समीक्षा केंद्र से सामने आने वाले डाटा का विश्लेषण कर शिक्षा का स्तर और बेहतर करने को कहा गया है। इसके अलावा विभाग के सभी अधिकारियों को दूर दराज के इलाकों में जाकर वहां स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था की जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में स्थापित 639 पीएमश्री विद्यालयों की 18 मानकों पर आधारित रैंकिंग भी जारी की गई। जिससे स्कूलों में प्रतिस्पर्धात्मक सुधार को बढ़ावा मिलेगा।

11 बेस्ट प्रैक्टिस बनी सुधार का आधार :
पिछले दो वर्षों में राजस्थान की 11 बेस्ट प्रैक्टिस को चिह्नित किया गया है। इन प्रैक्टिसेज के जरिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP 2020) के क्रियान्वयन, स्कूल गवर्नेंस और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार पर फोकस किया गया। मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, निपुण राजस्थान, प्रखर राजस्थान, शाला संबलन एप, डिजिटल प्रवेशोत्सव, स्टेट ओपन और बाल वाटिका इसमें शामिल हैं। वहीं शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि मुख्य सचिव को डिजिटल शाला स्वास्थ्य परीक्षण के जरिए 75 लाख विद्यार्थियों का हेल्थ सर्वे और प्रबल कार्यक्रम के तहत 15 दिसंबर को आयोजित मॉक विधानसभा 'राजस्थान युवा सभा' की जानकारी भी दी गई।

लर्निंग आउटकम सबसे बड़ी चुनौती :
इस दौरान मुख्य सचिव ने सबसे बड़ा चैलेंज लर्निंग आउटकम को कैसे बेहतर बनाया जाए। इस पर चर्चा करते हुए एआई-बेस्ड सिस्टम के जरिए छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन देने पर जोर दिया। चूंकि आज एप और आईटी बेस टेक्नोलॉजी पर काफी काम हो रहा है, लेकिन क्या ये फील्ड में प्रभावी रूप से लागू हो पा रहा है या नहीं। इसके लिए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अधिकारी सिर्फ मीटिंग तक सीमित न रहें, बल्कि फील्ड में उतरें। 2-3 दिन का जिला और गांव स्तर का दौरा करें। वहीं रहकर देखें कि विभागीय योजनाओं का ग्राउंड रिजल्ट क्या है। वहीं मुख्य सचिव ने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह में दोबारा मीटिंग कर फील्ड लर्निंग और अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर नई रणनीति बनाई जाएगी।

नए अधिकारियों को एक्सपोजर विजिट अनिवार्य :
शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि कई अधिकारी हाल ही में ज्वाइन हुए हैं। ऐसे में उन्हें एक्सपोजर विजिट की आवश्यकता है। उन्हें निर्देश दिए गए कि नए अधिकारी दूरदराज के गांवों में तीन दिन तक रुककर स्कूलों की स्थिति समझें। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के बीच लर्निंग गैप कम करने और ड्रॉपआउट रेट पर प्रभावी ढंग से काम करने के निर्देश दिए। यानी अब फील्ड में जाकर रियलिटी समझना अनिवार्य होगा। उसी के आधार पर आगामी रणनीति और शिक्षा सुधारों की रीयलिस्टिक प्लानिंग की जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्र पर ज्यादा फोकस :
वहीं जिला रैंकिंग में जयपुर के पिछड़ने पर कृष्ण कुणाल ने स्पष्ट किया कि जयपुर को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा, बल्कि नीतिगत रूप से ग्रामीण स्कूलों को आगे बढ़ाने पर फोकस है। उन्होंने तर्क दिया कि शहरों में बच्चों के पास वैकल्पिक संस्थान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विकल्प सीमित हैं। यदि ग्रामीण स्कूल मजबूत होंगे तो शहरों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का आगे आना ही विभाग की सफलता का मापदंड होगा।

हॉटस्पॉट स्कूल को अधिकारियों को दिया गोद :
इस दौरान कृष्ण कुणाल ने बताया कि सभी अधिकारियों को एक-एक जिला आवंटित किया गया है। हॉटस्पॉट स्कूल (जहां लर्निंग आउटकम कमजोर, एकेडमिक परफॉर्मेंस कम और एडमिशन घट रहा है) को अधिकारियों ने गोद लिया है। विजिट के दौरान 36 पहलुओं पर काम किया जाता है, जिनमें 21 एकेडमिक से जुड़े हैं। इस मॉडल से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

ड्रॉपआउट की बड़ी वजह होगी दूर :
ड्रॉपआउट रेट की एक बड़ी वजह बताते हुए शिक्षा शासन सचिव ने कहा कि पहले राजस्थान बोर्ड का सत्र 1 जुलाई से शुरू होता था। अब बड़ा बदलाव किया गया है। 1 अप्रैल से सरकारी स्कूल और राजस्थान बोर्ड शुरू होगा। 20% सिलेबस गर्मी की छुट्टियों से पहले (15 मई तक) कर दिया जाएगा। एक प्री-समर एग्जाम भी होगा। इससे समय पर एडमिशन होंगे, एनरोलमेंट बढ़ेगा और ड्रॉपआउट कम होगा। वहीं विभाग की ओर से ड्रॉपआउट रोकने के लिए डिजिटल प्रवेश उत्सव पर काम हो रहा है। इलेक्शन की तर्ज पर घर-घर सर्वे कर हर बच्चे का ट्रैक रिकॉर्ड रखा जा रहा है। ड्रॉपआउट या नए एलिजिबल बच्चे को ऑटोमेटिक स्कूल से जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है।

राष्ट्रीय ड्यूटी भी जरूरी :
हालांकि वर्तमान में स्कूली शिक्षकों को एसआईआर के कार्य में लगा रखा है और फिर मार्च में सेंसेक्स का काम भी होना है। इसका एकेडमिक परफॉर्मेंस पर असर के सवाल पर कृष्ण कुणाल ने कहा कि एसआईआर और सेंसेक्स जैसे कार्य राष्ट्रीय ड्यूटी है। उन्होंने माना कि इससे अस्थायी रूप से एकेडमिक परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर वैकेंसी भरी जा रही हैं, ताकि एकेडमिक परफॉर्मेंस प्रभावित न हो।

Updated on:
20 Dec 2025 05:57 pm
Published on:
20 Dec 2025 05:56 pm
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