ग्राम कोसीर में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। गांव के अधिकतर घरों में लोग डायरिया की चपेट में हैं। मंगलवार को करीब 50 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इससे पामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डायरिया पीडि़त मरीजों से खचाखच भर गया। मरीजों के लिए बेड कम पडऩे लगे। अस्पताल भवन के गलियारे में स्ट्रेचर में ही मरीजों का इलाज करना पड़ गया।
इधर डायरिया के बढ़ते मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगाकर मरीजों का इलाज करना शुरू किया तब जाकर पामगढ़ अस्पताल में स्थिति कंट्रोल में आई। देर शाम तक करीब 30 से 35 लोगों के स्वास्थ्य में सुधार आने पर उन्हें डिस्चार्ज किया गया। वहीं ढाई साल की बच्ची की हालत खराब होने पर भैंसों रेफर किया गया है। पामगढ़ बीएमओ डॉ. सौरभ यादव ने बताया कि ग्राम में डायरिया के मरीज मिल रहे हैं। कई मोहल्ले में साफ-सफाई का अभाव और गंदगी है। इसके चलते ही शायद डायरिया फैला होगा। सूचना मिलते ही गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाकर पीडि़तों का इलाज किया जा रहा है। गांव में 18 जुलाई तक स्टॉफ की ड्यूटी लगाई गई है।
बताया जा रहा है गांव के कई वार्डों में डायरिया ने पैर पसार लिया है। खासकर पटेल पारा, यादव पारा में ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। इन मोहल्लों में गंदगी का आलम है। इधर ग्राम सरपंच आशीष लहरे ने बताया कि गांव के दो-तीन वार्डो में उल्टी-दस्त की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य अमले ने गांव में कैंप लगाया है। गांव के सभी वार्डो में ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव किया जा रहा है। गंभीर स्थिति जैसी कोई बात नहीं है।
बता दें, पामगढ़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए करोड़ों की लागत से नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। लेकिन अब तक बिल्डिंग स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं हुई है। ऐसे में पुराने और जर्जर भवन में अस्पताल संचालित हो रहा है जहां जगह का अभाव है। मंगलवार को डायरिया के मरीज लगातार पहुंचते गए तो मरीजों को रखने की जगह नहीं मिल पा रही थी। जहां-जहां मरीजों को भर्ती कर खुले में ही ड्रिप चढ़ाया जा रहा था।