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एलेक्टा: एडेप्टिव रेडिएशन थेरेपी लाने की अग्रणी पहल

हैंड्स-ऑन शैक्षिक और वैज्ञानिक संगोष्ठी ने ऑन्कोलॉजिस्ट्स को कौशल और नैदानिक ज्ञान से सुसज्जित किया ताकि वे अधिक सटीक इलाज प्रदान कर सकें और कैंसर से बचाने के लिए लोगों को उच्च गुणवत्ता वाले उपचार की उपलब्धता बढ़ा सकें।

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Aug 25, 2025

हैंड्स-ऑन शैक्षिक और वैज्ञानिक संगोष्ठी ने ऑन्कोलॉजिस्ट्स को कौशल और नैदानिक ज्ञान से सुसज्जित किया ताकि वे अधिक सटीक इलाज प्रदान कर सकें और कैंसर से बचाने के लिए लोगों को उच्च गुणवत्ता वाले उपचार की उपलब्धता बढ़ा सकें।

जयपुर. भारत में हर वर्ष 1.4 मिलियन से अधिक नए कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा उन्नत अवस्था के कैंसर का होता है। फिर भी अत्याधुनिक रेडिएशन थेरेपी—जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए उच्च-तीव्रता वाली एक्स-रे का उपयोग करती है। एलेक्टा, जो प्रिसीजन रेडिएशन थेरेपी के क्षेत्र में एक वैश्विक अग्रणी कंपनी है, इस स्थिति को बदलने के लिए प्रयासरत है। कंपनी ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों को एडेप्टिव रेडिएशन थेरेपी (एआरटी) में प्रशिक्षित कर रही है, ताकि कैंसर रोगियों को अधिक सटीक और प्रभावी इलाज मिल सके। एडेप्टिव रेडिएशन थेरेपी (एआरटी) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें चिकित्सक रोगी के उपचार के दौरान प्रतिदिन ली गई उच्च-गुणवत्ता वाली इमेजिंग के आधार पर उपचार योजना में आवश्यक परिवर्तन कर सकते हैं। यह अनुकूलन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ट्यूमर को सटीक रूप से निशाना बनाने में मदद करता है—भले ही उसका आकार, आकृति या स्थान आंतरिक शारीरिक परिवर्तनों (जैसे कुछ दिनों के दौरान मूत्राशय या आँतें भरी होना और अन्य दिनों में खाली होना) के कारण बदला हुआ नजर आए। इस तकनीक से ट्यूमर को और अधिक सटीक रूप से लक्ष्य बनाया जा सकता है, साथ ही आसपास के संवेदनशील अंगों को दी जाने वाली विकिरण की मात्रा घटाई जा सकती है। ऐसा होने से दुष्प्रभावों और विषाक्तता में कमी आती है और रोगी का उपचार सुरक्षित एवं प्रभावी होता है।
एआरटी की क्षमता, उपचार के परिणामों और रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेषकर भारत जैसे देश में, जहाँ हर वर्ष 14 लाख से अधिक नए कैंसर मामलों का पता चलता है। कुल मामलों में से लगभग 30% सिर और गर्दन के कैंसर होते हैं, जबकि महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर सबसे आम प्रकार बने हुए हैं।

रोजमर्रा की चिकित्सा में एआरटी का समावेश
जयपुर में हाल ही में आयोजित एक कार्यशाला और सायंकालीन वैज्ञानिक संगोष्ठी ने भारत की ऑन्कोलॉजी व्यवस्था में एआरटी (एडेप्टिव रेडिएशन थेरेपी) को बढ़ावा देने के लिए एलेक्टा के प्रयासों को एक महत्वपूर्ण गति प्रदान की। इस कार्यक्रम, एलेक्टा कनेक्ट में विशेषज्ञ व्याख्यान, पैनल चर्चाएं और ऑनलाइन एआरटी का लाइव डेमोंस्ट्रेशन शामिल था। एलेक्टा इंडिया के उपाध्यक्ष और एलेक्टा के प्रवक्ता शंकर शेषाद्रि ने कहा कि एलेक्टा कनेक्ट के माध्यम से हमारा उद्देश्य भारत में एडेप्टिव रेडिएशन थेरेपी को तेज़ी से क्लिनिकल स्तर पर अपनाना है। हमारा ध्यान विशेष रूप से कैंसर रोग के अधिक बोझ वाले क्षेत्रों में कार्यरत ऑन्कोलॉजिस्ट्स को आवश्यक उपकरण और विशेषज्ञता उपलब्ध कराने पर है।

हैंड्स-ऑन वर्कशॉप, जिसके माध्यम से उन चिकित्सकों को उन्नत प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो कैंसर रोगियों के लिए रेडिएशन उपचार की योजना बनाते हैं। एलेक्टा के मार्केटिंग हेड इंडिया करण मेहरोत्रा ने कहा कि एलेक्टा का प्रशिक्षण और तकनीक चिकित्सकों को सक्षम बना रही है कि वे एआरटी उन रोगियों तक पहुँचा सकें जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। हैंड्स-ऑन वर्कशॉप्स और विशेष रूप से तैयार किए गए नवाचारों के माध्यम से हम न केवल कौशल की कमी को दूर कर रहे हैं, बल्कि विश्व-स्तरीय कैंसर देखभाल तक पहुँच भी बढ़ा रहे हैं।

Published on:
25 Aug 2025 12:41 am
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