सात माह में चार आत्महत्याओं के बाद उठाया गया कदम कोलकाता. आइआइटी खड़गपुर ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के लिए पहली बार ‘स्टूडेंट वेल बीइंग डीन’ को नियुक्त किया है। यह जिम्मेदारी सेंटर फॉर ओशन, रिवर, एटमॉस्फेयर एंड लैंड साइंसेज के प्रोफेसर अरुण चक्रवर्ती को सौंपी गई है। यह निर्णय सात […]
सात माह में चार आत्महत्याओं के बाद उठाया गया कदम
कोलकाता. आइआइटी खड़गपुर ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के लिए पहली बार ‘स्टूडेंट वेल बीइंग डीन’ को नियुक्त किया है। यह जिम्मेदारी सेंटर फॉर ओशन, रिवर, एटमॉस्फेयर एंड लैंड साइंसेज के प्रोफेसर अरुण चक्रवर्ती को सौंपी गई है। यह निर्णय सात महीनों में चार छात्रों की आत्महत्या के मामलों के बाद लिया गया है। हाल ही में 18 जुलाई को चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्र रितम मंडल ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी। निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने स्वीकार किया कि मौजूदा सिस्टम में खामियां हैं और छात्रों के कल्याण के लिए अलग पद आवश्यक है। उन्होंने छात्रों को भरोसा दिलाया कि किसी भी समस्या, चाहे छोटी ही क्यों न हो, उसका समाधान प्राथमिकता से होगा। यह देश के 23 आइआइटी में पहली बार है कि डीन स्तर पर केवल छात्र कल्याण के लिए पद बनाया गया है।
छात्रों की मदद के लिए नई और मौजूदा पहलें
नए डीन का काम व्यक्तिगत समस्याओं की पहचान और समाधान पर केंद्रित होगा, जबकि स्टूडेंट अफेयर्स डीन आवास व अनुशासन जैसे प्रशासनिक मामले देखेंगे। आइआइटी खड़गपुर में पहले से एआइ आधारित ‘सेतु’ प्लेटफॉर्म, पुनर्गठित काउंसलिंग सेंटर, ‘कैंपस मदर्स’, छात्र टास्क फोर्स और स्ट्रेस मैनेजमेंट वर्कशॉप मौजूद हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य सुधार में मदद करेंगे।