गुजरात जनविश्वास संशोधित विधेयक 2025 विधानसभा में पारित, 6 विभागों के 11 कानूनों-अधिनियमों के 516 प्रावधान होंगे अपराधमुक्त
गुजरात विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025 बहुमत से पारित किया गया।
उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने सदन में यह विधेयक पेश करते हुए कहा कि राज्य सरकार के 6 विभागों के 11 कानूनों-नियमों के तहत लगभग 516 प्रावधानों को अपराधमुक्त करना इस विधेयक का उद्देश्य है। इस विधेयक में कानूनों एवं नियमों में सुझाए गए सुधारों में छोटी भूलों के लिए जहां तक संभव हो, कैद की सजा का प्रावधान हटा दिया गया है और जुर्माना के स्थान पर वित्तीय पैनल्टी के प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग, श्रम एवं कौशल विकास तथा रोजगार विभाग, नर्मदा, जल संसाधन, जलापूर्ति एवं कल्पसर विभाग, उद्योग एवं खान विभाग, कृषि, किसान कल्याण एवं सहकारिता विभाग और वित्त विभाग के 11 कानूनों-नियमों के अंतर्गत आने वाले 516 प्रावधानों को अपराधमुक्त करने से सजा के भय के स्थान पर प्रामाणिकता से कानूनों के पालन में मदद मिलेगी।
मंत्री के मुताबिक यह विधेयक राज्य में कानून के पालन को आसान बनाकर, डिजिटलाइज्ड कर तथा सुयोग्य ढंग से बदलाव लाकर व्यापार सरलता के साथ जीवन जीने की सरलता में भी वृद्धि करने वाला सिद्ध होगा। न्यायपालिका पर बोझ घटाने में भी यह विधेयक उपयुक्त बनेगा। यह विधेयक राज्य में विकास एवं निवेश को अधिक मजबूत करने के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस तथा ईज ऑफ लिविंग को भी गति देगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के जनविश्वास विधेयक 2.0 का विस्तृत अध्ययन करने के बाद गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025 तैयार किया।
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498 प्रावधानों में फाइन को पैनल्टी में बदला जाएगा
अपराधमुक्त किए गए 516 प्रावधानों का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक प्रावधान में कैद की धारा है जिसे हटाया जा रहा है। 17 प्रावधानों में कैद या फाइन को पैनल्टी में बदला जा रहा है। साथ ही 498 प्रावधानों में फाइन को पैनल्टी में बदला जाएगा। 8 कानूनों के तहत उल्लंघन के समाधान की व्यवस्था के साथ अधिकारी की ओर से राशि स्वीकार किए जा सकने के प्रावधान किए गए हैं। उद्योग मंत्री ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य नियमों में सुधारों से भी एक कदम आगे बढ़कर सरकार व नागरिकों के बीच विश्वास को अधिक मजबूत करने का प्रयास है।
यह है उद्देश्य
इस विधेयक का उद्देश्य फाइलिंग विलंब, लाइसेंस रिन्यूल में विलंब टालना, सुरक्षा उल्लंघन संबंधी छोटी भूलों के लिए अनपेक्षित व फौजदारी आरोंपों से मुक्ति देना, न्यायिक प्रणाली पर बोझ घटाकर पैनल्टी आधारित दंड व्यवस्था लाना है। इस विधेयक से विशेषकर स्टार्टअप्स तथा एमएसएमई अधिक सुदृढ़ होंगे और छोटी (कम गंभीर) भूलों के लिए फौजदारी कार्यवाही के अनावश्यक भय के बिना अपने उद्योग-व्यवसायों का और बेहतर ढंग से विकास कर राज्य में एमएसएमई इकोसिस्टम को सुदृढ़ बनाएंगे। अब तक राज्य स्तर के जनविश्वास कानून पारित करने वाले अन्य राज्यों की तुलना में गुजरात ने सबसे अधिक कानूनों एवं प्रावधानों में सुधार किया है। विधेयक पर सत्ता पक्ष तथा प्रतिपक्ष के सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए।
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गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025 के मुख्य बिंदू: : :
विश्वास आधारित शासन को प्रोत्साहन–नागरिकों में अनावश्यक भय कम होगा
कानून की चूक की गंभीरता के अनुसार फाइन नहीं, बल्कि पैनल्टी
न्यायिक प्रणाली के बोझ में कमी
कानूनी सुधारों द्वारा व्यापारिक सशक्तिकरण का मार्गदर्शन
पुराने कानूनों का समयानुकूल आधुनिकीकरण