अक्षय तृतीया 10 मई 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन गज केशरी योग, शश योग, सुकर्मा योग सहित कई शुभ संयोग बनेंगे। इस दिन जिले में सैकड़ों शादियां होंगी।
अक्षय तृतीया 10 मई 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन गज केशरी योग, शश योग, सुकर्मा योग सहित कई शुभ संयोग बनेंगे। इस दिन जिले में सैकड़ों शादियां होंगी। इस दिन खरीदारी व नया कार्य करना शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन शुक्रवार है और साथ ही सुकर्मा योग भी इस दिन रहेगा। सुकर्मा योग का आरंभ दोपहर 12 बजकर 7 मिनट से होगा। इस योग में खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस दिन रोहिणी नक्षत्र सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस नक्षत्र के स्वामी भौतिक सुखों के दाता शुक्र ग्रह हैं। इसलिए रोहिणी नक्षत्र में किसी भी तरह का कार्य शुरू करना शुभ फलदायक रहता है। इसके बाद पूरे दिन मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। इस नक्षत्र को भी ज्योतिष में शुभ माना गया है। इसके साथ ही तैतिल और गर करण का निर्माण भी इस दिन होगा। इसलिए अक्षय तृतीया को बेहद खास माना जा रहा है। इसे आखातीज भी कहते हैं।
मिश्रा के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा से घर में बरकत बनी रहती है और पूरे साल भर धन-धान्य की घर में कमी नहीं होती। माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। यही वजह है कि लोग इस दिन गृह-प्रवेश, शादी, सगाई जैसे काम करते हैं। मिश्रा के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों में अक्षय तृतीय को युगादि तिथि कहा गया है। इस दिन से कई युगों का आरंभ हुआ है और भगवान विष्णु के कई अवतार भी हुए हैं। इस दिन सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ हुआ है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का भी अवतार हुआ है। इसलिए अक्षय तृतीया का धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है।
अक्षय तृतीया के दिन से ही चार धाम की यात्रा भी आरंभ होती है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो इस दिन किया गया कार्य का फल अक्षय होता है। यानी उसका कभी नाश नहीं होता है। धार्मिक दृष्टि से देखे तो अक्षय तृतीया के दिन दान पुण्य के कार्य करने चाहिए। साथ ही इस दिन सोना खरीदना भी शुभ माना जाता है।