मोहनगढ़ क्षेत्र के मूल निवासियों ने वर्ष 2004 में कृषि भूमि आवंटन के लिए आवेदन किए गए थे। अब भूमि आवंटन के लंबित मामलों को लेकर ग्रामीणों में रोष देखने को मिल रहा है।
मोहनगढ़ क्षेत्र के मूल निवासियों ने वर्ष 2004 में कृषि भूमि आवंटन के लिए आवेदन किए गए थे। अब भूमि आवंटन के लंबित मामलों को लेकर ग्रामीणों में रोष देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों ने आयुक्त उपनिवेशन विभाग बीकानेर के नाम सहायक आयुक्त उपनिवेशन मोहनगढ् गजेन्द्र शर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उपनिवेशन तहसील नंबर दो में जमा मोहनगढ के मूल निवासियों की पत्रावलियों को उपनिवेशन तहसील नंबर एक में स्थानांतरित करके तुरंत प्रभाव से आवंटन करवाए जाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान भाजपा मण्डल अध्यक्ष जोगराजसिंह राजपुरोहित, विशाल खत्री, रावताराम माली, सुभाष विश्नोई, मांगीलाल भाट, ललित सोनी, कमल सिंह नरावत, गणेश चाण्डक, आईदान राम, हरिश कुमार माली, सुरेश कुमार लोहिया, खेता राम रामपुरा सहित अन्य मौजूद रहे।
यह है मामलावर्ष 2004 में मोहनगढ़ उपनिवेशन तहसील नं. 1 व नं. 2 में हजारों की संख्या में भूमि आवंटन के लिए आवेदन लिए गए थे। उस समय अत्यधिक आवेदन आने से कथित तौर पर पत्रावलियों को दर्ज करने में त्रुटि हुई और कई फाइलें दोनों तहसीलों में बंट गईं। नतीजा यह हुआ कि पात्र मूल निवासियों की पत्रावलियां उपनिवेशन तहसील नंबर एक व दो में जमा हो गई। अब उपनिवेशन तहसील नंबर दो में इन पत्रावलियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसकी वजह से मोहनगढ के मूल निवासी इस आवंटन प्रक्रिया से वंचित रहते नजर आ रहे है। पत्रावलियों का सही निस्तारण आज तक नहीं हो पाया।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2006, 2012 और 2020 में भी भूमि आवंटन को लेकर प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसमें नोटिस जारी कर मूल निवासी होने के दस्तावेज मांगे गए। आवेदकों की ओर से मूल निवास, मतदाता सूचियों में दर्ज आवेदक के भाग संख्या व क्रमांक संबंधित पटवारी को दर्ज करवाए गए। फाइल फोटो आदि की तस्दीक भी हल्का पटवारियों की ओर से की गई। बावजूद इसके 240 से अधिक पत्रावलियां अब भी तहसील नंबर दो में पड़ी है। इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब इन पत्रावलियों को उपनिवेशन तहसील नम्बर दो से स्थानांतरित कर उपनिवेशन तहसील नंबर एक में लाने की मांग की जा रही है, ताकि स्थानीय भूमिहीन निवासियों को इसका फायदा मिल सके।