मानसून के दौरान नंदपुरी अंडरपास में होने वाले जलभराव से शहरवासियों को अगले वर्ष निजात मिलने की उम्मीद है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो तेज बारिश के दौरान अंडरपास के नीचे जलभराव हो जाता है और आवाजाही प्रभावित होती है। इसमें ग्रेटर निगम की लापरवाही भी है। निगम की सीवर लाइन सीधे नाले में […]
मानसून के दौरान नंदपुरी अंडरपास में होने वाले जलभराव से शहरवासियों को अगले वर्ष निजात मिलने की उम्मीद है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो तेज बारिश के दौरान अंडरपास के नीचे जलभराव हो जाता है और आवाजाही प्रभावित होती है। इसमें ग्रेटर निगम की लापरवाही भी है। निगम की सीवर लाइन सीधे नाले में आकर गिर रही है। हालांकि, अब जेडीए अंडरपास में पानी न भरे, इसके लिए तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि अगले मानसून में यहां जलभराव नहीं होगा।
दरअसल, पिछले मानसून के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अंडरपास का निरीक्षण किया था और जेडीए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। मई में जेडीए ने काम शुरू कर दिया था।
पुरानी लाइन साफ करवाई
जेडीए ने दो दशक पुरानी ड्रेनेज लाइन को साफ करवाया। इसके अलावा 900 एमएम की दो ड्रेनेज लाइन और डाली जा रही हैं। साथ ही, उच्च क्षमता के दो पम्प भी लगाए जाएंगे। जेडीए अभियंताओं की मानें तो चार से पांच माह में इसका काम पूरा कर लिया जाएगा।
इसका समाधान भी जरूरी
ग्रेटर निगम की तीन मुख्य सीवर लाइन सीधे नाले में गिर रही हैं। इनको जोड़ने के लिए निगम की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जबकि, जेडीए कई बार लाइन दुरुस्त करने के लिए पत्र लिख चुका। ऐसे में जब बरसात होती है तो इन सीवर लाइन से बरसात का पानी भारी मात्रा में नाले में पहुंचता है। नाले से पानी ओवरफ्लो होकर अंडरपास में आकर भरता है।
सावधानी बरतें
-जब तेज बारिश हो तो इस रास्ते का प्रयोग करने से बचें और वैकल्पिक रास्तों का बारिश बंद होने के बाद 30 से 50 मिनट तक उपयोग करें।
-जेडीए ने यहां चेतावनी बोर्ड भी लगा रखे हैं। साथ ही तेज बारिश के दौरान स्थानीय थाना पुलिस और गार्ड भी तैनात रहते हैं। ये लोग अंडरपास की ओर जाने से रोकते हैं। ऐसे में इनकी बात को अनसुना न करें।