नवीन अस्पताल के लिए डेढ़ माह में जमीन आवंटन, बजट महीनों बाद भी स्वीकृत नहीं
आबूरोड. सिरोही जिले के सबसे बड़े शहर आबूरोड में सरकार ने सीएचसी को उपजिला अस्पताल में क्रमोन्नत को कर दिया, लेकिन चिकित्सा सुविधाएं सीएचसी स्तर की भी नहीं हैं। यहां उप जिला अस्पताल के सामान्य वार्ड में भर्ती रोगियों का स्ट्रेचर पर उपचार करना पड़ रहा है। रोजाना 400 से अधिक ओपीडी व प्रतिमाह करीब 500 प्रसव वाले अस्पताल का सामान्य वार्ड सिर्फ 10 बेड का है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन भर्ती मरीजोें के इलाज के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने को मजबूर है, लेकिन ऐसी व्यवस्था उपचाराधीन रोगियों के लिए तकलीफदेह साबित हो रही है। ऐसी दयनीय स्थिति से छुटकारा नवीन उप जिला अस्पताल भवन बने बिना संभव नहीं है।
राज्य सरकार ने आकराभट्टा में चल रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किया था, तब से इसी भवन में उप जिला संचालित किया जा रहा है। इस अस्पताल भवन में जगह की बहुत कमी है। अब तो सामान्य वार्ड के विस्तार या नए वार्ड के लिए जगह नहीं बची है। वार्ड के प्रत्येक बेड पर एक साथ दो से तीन रोगियों के उपचार की तस्वीर आए देखने को मिलती है। फिर अन्य लोगों का भी वार्ड से होकर आना-जाना लगा रहता है।
सरकारी की ओर से भेजी जा रही दवाओं को सुरक्षित रखने के लिए बने दवा भंडार कक्ष छोटे पड़ने लगे हैं। इसके चलते दवाओं व अन्य चिकित्सा सामग्री से भरे बॉक्स अस्पताल के गैलरी, सीढ़ियों या जहां जगह होती है, वहां रखने पड़ रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला अस्पताल में क्रमोन्नत के आदेश के करीब डेढ़ माह में ही पांडूरी में नवीन अस्पताल भवन के लिए 15 बीघा जमीन आवंटित कर दी। इसके बाद अतिरिक्त चिकित्सक व नर्सिंगकर्मियों के पद स्वीकृत कर दिए। नवीन भवन के लिए करीब 41 करोड़ का प्रस्ताव सरकार को भेजे महिनों बीत गए हैं, लेकिन अभी तक प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिली।
आबूरोड में उप जिला अस्पताल भवन के लिए बजट आवंटन व रिक्त पदों को भरने के लिए मुयमंत्री से आग्रह करेंगे। आमजन को और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिले, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
जगसीराम कोली, पूर्व विधायक, रेवदर
अस्पताल में चिकित्सकों के नौ पद भरे हैं, जिसमें से एक चिकित्सक को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगा रखा है। सामान्य वार्ड में 10-12 बेड हैं। कभी-कभी ज्यादा रोगी होने पर रोगियों को डिस्चार्ज करना पड़ता है। वैसे व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के हर संभव प्रयास किए जाते हैं, जिससे रोगियों को परेशानी नहीं हो।
डॉ. परमानंद गुप्ता, पीएमओ, उप जिला अस्पताल, आबूरोड