75 वर्षीय रिटायर्ड अभियंता नहीं थे साइबर ठगों के तौर-तरीकों को लेकर जागरूक, दो दिन में ही बनाया शिकार, अब भी कर रहे फोन, तीन एफडी तुड़वा कर ठगों को दे दिए, साइबर थाना पुलिस और साइबर सैल जुटी जांच में
हनुमानगढ़. मुम्बई पुलिस बनकर साइबर ठगों ने बुजुर्ग को इतना डराया और धमकाया कि उनकी जिंदगी भर की कमाई लूट ली। बुजुर्ग दंपती को दो दिन तक तो यह भी पता नहीं चल सका कि उनके साथ साइबर अपराधियों ने ठगी कर ली है। क्योंकि साइबर अपराधियों के तौर-तरीकों को लेकर 75 वर्षीय रिटायर्ड अभियंता और उनकी पत्नी जागरूक नहीं थे।
साइबर ठगों का दुस्साहस देखिए कि करीब डेढ़ करोड़ रुपए की राशि ठगने के बाद भी लगातार बुजुर्ग को और पैसों के लिए परेशान करते रहे। यहां तक कि साइबर थाने में मामला दर्ज होने के बाद गुरुवार को भी बुजुर्ग के पास साइबर ठगों ने फोन किए। हालांकि पुलिस के समझाने पर पीडि़त बुजुर्ग अब तो यह समझ गए कि फोन करने वाले कोई पुलिस नहीं बल्कि अपराधी हैं। रिटायर्ड अभियंता ओमप्रकाश माकड़ निवासी 2/45 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, जंक्शन ने 12 मई को तत्कालीन एसपी अरशद अली को पीड़ा बताई। इस पर एसपी ने साइबर थाना पुलिस तथा साइबर सैल को संयुक्त रूप से पड़ताल कर बुजुर्ग को राहत दिलाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बुधवार को साइबर थाने में मामला दर्ज किया गया। प्रकरण का अनुसंधान साइबर थाना प्रभारी हनुमानाराम बिश्नोई कर रहे हैं।
पीडि़त ओमप्रकाश माकड़ ने पुलिस को बताया कि वह निजी कंपनी से रिटायर्ड इंजीनियर है। वे यहां पत्नी के साथ रहते हैं तथा अन्य परिजन बाहर रहते हैं। उनके मोबाइल फोन पर 10 मई को अज्ञात व्हाट्सएप नम्बर से कॉल आई कि मुम्बई के कोलाबा थाने का इंस्पेक्टर विजय खन्ना बोल रहा हूं। आपका फोन दो दिन में बंद होने वाला है। क्योंकि एक फर्जी कंपनी के पांच सौ करोड़ रुपए ईडी ने जब्त किए हैं। उस कंपनी से आपके लेनदेन की बात सामने आई है। आपके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी का नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके बाद कथित इंस्पेक्टर ने बुजुर्ग को व्हाट्सएप पर गिरफ्तारी का नोटिस भेजते हुआ कहा कि यदि बचना है तो पैसे जमा करवा दो। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि किसी कंपनी से उनका लेनदेन नहीं है। मगर फोन करने वाला नहीं माना तथा ऑनलाइन भेजा गिरफ्तारी वारंट देखकर वह घबरा गया।
बुजुर्ग ओमप्रकाश की घबराहट पहचान कर साइबर ठगों ने अलग-अलग नम्बर से 40 से 50 व्हाट्सएप कॉल की। इसमें अधिकांश कॉल इंस्पेक्टर विजय खन्ना तथा सीबीआई मुम्बई के डीसीपी नीरज कुमार के नाम से आई। इसके अलावा कुछ इंटरनेशनल नम्बर भी थे। बुजुर्ग के अनुसार कॉल करने वालों ने धमका कर पूछा कि उसने बैंकों में कितनी एफडी करवा रखी है। उनको जब बताया कि अलग-अलग बैंकों में तीन एफडी है तो गिरफ्तारी का भय दिखाते हुए एफडी तुड़वाकर रुपए ऑनलाइन भिजवाने की बात कही। इस पर उसने 69 लाख 50 हजार, 27 लाख 50 हजार व 50 लाख 50 हजार की तीनों अलग-अलग बैंकों की एफडी तुड़वा कुल 1 करोड़ 47 लाख 50 हजार रुपए कॉल करने वालों के खातों में तीन अलग-अलग ट्रांजेक्शन में जमा करवा दिए।
ओमप्रकाश के अनुसार अज्ञात लोग पैसे लेने के बाद भी कॉल कर धमका रहे हैं कि अभी तक प्रकरण निपटा नहीं है। यह गंभीर मामला है और रुपए जमा करवाओ। जब कहा कि अब उसके पास और रुपए नहीं हैं तो उन्होंने रिश्तेदारों से उधार लेकर भिजवाने की बात कही।