समाचार

रेलवे को मालगाड़ी चलाने लिए राजस्थान में नहीं मिल रही बिजली

कुछ माह से ट्रेक पर मालगाडिय़ों की संख्या में वृद्धि हुई है, इसकी वजह से विद्युत भार को बढ़ाने के लिए जनवरी में आवेदन किया गया था लेकिन केंद्र सरकार के इतने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को राजस्थान विद्युत निगम ने चार माह में अतिरिक्त विद्युत भार स्वीकृत नहीं किया है।

2 min read

भिवाड़ी. औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी से होकर गुजर रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) में चलने वाली मालगाडिय़ों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। भिवाड़ी क्षेत्र से गुजरने की वजह से अजंता चौक स्थित 220 केवी जीएसएस से पांच मेगावाट बिजली का कनेक्शन डीएफसी प्रशासन ने लिया था। कुछ माह से ट्रेक पर मालगाडिय़ों की संख्या में वृद्धि हुई है, इसकी वजह से विद्युत भार को बढ़ाने के लिए जनवरी में आवेदन किया गया था लेकिन केंद्र सरकार के इतने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को राजस्थान विद्युत निगम ने चार माह में अतिरिक्त विद्युत भार स्वीकृत नहीं किया है। जबकि निगम तय विद्युत भार से अधिक उपयोग करने पर रेलवे से अतिरिक्त शुल्क वसूल रहा है।

तय क्षमता से अधिक उपयोग पर वसूल रहे अतिरिक्त शुल्क

डीएफसी अभियंताओं ने बताया कि अभी 20 से 25 ट्रेन चल रही हैं, जिनका लोड आठ से दस एमवीए आ रहा है। आगामी समय में यहां से गुजरने वाली ट्रेन की संख्या 50 से 60 होने वाली है। इसलिए लोड को बढ़ाया जा रहा है। मालगाड़ी की संख्या में दिन प्रतिदिन होने वाली वृद्धि की वजह से विद्युत भार को 15 मेगावाट करने का आवेदन रीको चौक स्थित विद्युत निगम कार्यालय में जनवरी में किया गया था। निकट भविष्य में रेलवे को इस ट्रेक पर ट्रेन संचालन के लिए करीब 60 मेगावाट बिजली की जरूरत होगी। शुरूआत में विद्युत निगम ने पांच मेगावाट का कनेक्शन जारी किया था।

डीएफसी ने बनाया टीएसएस

निगम के जीएसएस से पहले बिजली रेलवे के ट्रेक्शन सब स्टेशन (टीएसएस) पर जाती है, वहां से रेलवे ट्रेक पर ट्रेन संचालन के लिए बिजली का उपयोग होता है। रेलवे ने (टीएसएस) का निर्माण कहरानी मुंडाना मेव में किया है। केंद्र सरकार के इतने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को राजस्थान विद्युत निगम ने चार माह में अतिरिक्त विद्युत भार स्वीकृत नहीं किया है। जबकि निगम तय विद्युत भार से अधिक उपयोग करने पर रेलवे से अतिरिक्त शुल्क वसूल रहा है।

रेवाड़ी- दादरी सेक्शन में आता है भिवाड़ी

उत्तर प्रदेश में नोएडा के पास दादरी से शुरू होने वाला डीएफसी मुम्बई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक जाता है। इस ट्रेक की लंबाई 1504 किमी है। जिसे कई भागों में बांटकर निर्माण कार्य हुआ है। 1300 किमी भाग में काम पूरा हो चुका है। औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी रेवाड़ी से दादरी सेक्शन के 128 किमी हिस्से में आता है। डीएफसी पर 80 से 100 किमी की रफ्तार से इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ी चलती हैं। इस कॉरिडोर के निर्माण पर 3800 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। ट्रेक पर डबल डैकर मालगाड़ी भी चलती हैं। रेवाड़ी दादरी सेक्शन में गत वर्ष 31 मार्च से ट्रेन चल रही हैं।

निगम बता रहा ये तकनीकि कारण

जिन कनेक्शन के आवेदन 220 एवं 132 केवी लाइन पर प्राप्त होते हैं। उनका तकमीना प्रसारण निगम के अभियंताओं की ओर से बनाया जाता है। इसके बाद पत्रावली जयपुर डिस्कॉम के एमडी के पास भेजी जाती है, वहां से स्वीकृति दी जाती है।

  • हमारे कार्यालय से फाइल को जरूरी कार्रवाई के लिए प्रसारण को भेजा गया। प्रसारण निगम के स्तर पर फाइल लंबित है, उनके उच्चाधिकारियों से बातचीत कर जल्द स्वीकृति दिलाई जाएगी।

एससी महावर, एक्सईएन विद्युत वितरण निगम

  • निगम के फाइल स्वीकृति के 14 स्तर हैं, जिनसे फाइल गुजरती है। साथ ही दो विभाग हैं, जिनसे अनुमति ली जाती है लेकिन इसकी वजह से हमें देरी हुई है।

सत्येंद्र कुमार, डीपीएम, डीएफसी

Published on:
16 Apr 2024 06:53 pm
Also Read
View All

अगली खबर