सिंचित क्षेत्र में मंगलवार रात हुई तेज बारिश ने किसानों की आशाओं में पानी फेर दिया। खेतों में खड़ी फसल आड़ी तिरछी पड़ गई। कटी हुई धान की फसलें पानी में भीग गई। यहां देर रात को तेज हवाओं के साथ कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश हुई।
केशवरायपाटन. सिंचित क्षेत्र में मंगलवार रात हुई तेज बारिश ने किसानों की आशाओं में पानी फेर दिया। खेतों में खड़ी फसल आड़ी तिरछी पड़ गई। कटी हुई धान की फसलें पानी में भीग गई। यहां देर रात को तेज हवाओं के साथ कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश हुई। क्षेत्र में इस समय 60 दिन में पकने वाला धान की कटाई की जा रही है। वहीं देर से पकने वाले धान की बालियां निकली हुई है, जो हवा से जमींदोज हो गया। बालियां कच्ची होने से वह अब पक नहीं पाएगी। पूर्व प्रधान शिशुपाल मीणा ने बताया कि क्षेत्र के जयस्थल दोताना, ङ्क्षभडी, करवाला की झौंपडिय़ां सहित आसपास के गांव में मक्का, उड़द सोयाबीन की फसल पहले ही नष्ट हो चुकी थी, जिसका मुआवजा भी किसानों को नहीं मिला। इसी प्रकार देर रात की बारिश में धान को भी नुकसान हुआ है। पूर्व सरपंच सुखलाल मीणा ने बताया कि क्षेत्र के बालीथा, नौताडा, ज्याखरुन माधोराजपुरा क्षेत्र में देर रात की बारिश से धान की फसलें आडी पड़ गई। इस बारिश ने किसानों की आशाओं में पानी फेर दिया। इस समय धान में बालियां निकल रही है, जो आडी पडऩे नष्ट हो गई। किसानों ने बताया कि बारिश से पहले फसलें अच्छी थी, लेकिन जहां जहां हवा के साथ बारिश हुई, वहीं नुकसान हुआ है। किसानों ने जिला कलक्टर ने सर्वे करवाने की मांग की है।
खटकड़. कस्बे सहित क्षेत्र में पिछले तीन दिन से बरसात हो रही है, जिससे फसलों में खराबे की संभावना बनी हुई है। रविवार को आधा घंटा तेज, सोमवार को भी रुक-रुक कर बरसात हुई। मंगलवार रात को भी लगभग बीस मिनट तेज बरसात हुई, जिससे नालियों ओर सडक़ों में पानी बह निकला। बरसात होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। कई खेतों में पहले चरण में लगाए गए धान की फसल की कटाई शुरू हो गई है। इससे पूर्व उड़द और सोयाबीन की कटाई शुरू हो चुकी। बरसात होने से कटी हुई फसलें भीग गई, जिससे फसलें खराब होने की संभावना बनी हुई है, जिसको लेकर किसान ङ्क्षचतित है।