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जहां से सांसद-विधायक, वहां वर्षों से पूरी नहीं हुई पुल की मांग, जरा सी बारिश में बंद हो जाता है आवागमन

पुष्पराजगढ़. शहडोल अमरकंटक मुख्य मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र नगरी अमरकंटक पहुंचते हैं। बारिश के मौसम में राजेंद्रग्राम लखौरा स्कूल के समीप स्थित बसनिहा नाला उफना जाता है और पुल के ऊपर से पानी बहने लगता है। इस वजह से इस मार्ग पर जल स्तर कम होने तक आवागमन थम जाता […]

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Jul 05, 2024

पुष्पराजगढ़. शहडोल अमरकंटक मुख्य मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र नगरी अमरकंटक पहुंचते हैं। बारिश के मौसम में राजेंद्रग्राम लखौरा स्कूल के समीप स्थित बसनिहा नाला उफना जाता है और पुल के ऊपर से पानी बहने लगता है। इस वजह से इस मार्ग पर जल स्तर कम होने तक आवागमन थम जाता है। वाहनों की लंबी कतारें दोनों तरफ लग जाती हैं। बीते कई दशक से यह समस्या बनी हुई है। इसके बावजूद इस समस्या पर न तो विभागीय अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि संज्ञान ले रहे हैं। बारिश के दिनों में दूर दराज से पहुंचने वाले दर्शनार्थियों तथा श्रद्धालुओं के साथ ही जिले वासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को के घर की दूरी इस पुल से 500 मीटर से भी काम है। शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह का घर भी यहीं है और इस समस्या से बारिश के दिनों में उन्हें भी आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद इसे दूर करने के लिए किसी तरह के प्रयास अभी तक नहीं किए गए।

50 वर्ष पूर्व हुआ था नाले में पुल का निर्माण

बसनिहा निवासी शुद्धुलाल ने बताया कि पुल को बने 50 से 55 वर्ष हो रहे हैं। बारिश के दिनों में अक्सर पुल पर बाढ़ की स्थिति बन जाती है। विभाग द्वारा इस समस्या को नजरअंदाज करते हुए जहां पुल की जरूरत नहीं है वहां निर्माण किया जा रहा है। पेट्रोल पंप के समीप बिना आवश्यकता के पुलिया का निर्माण कुछ व्यक्तियों की परेशानी को देखते हुए कर दिया गया लेकिन जहां क्षेत्र की पूरी आबादी की समस्या की बात है वहां पर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।

मुख्यालय से कट जाता है गांवों का संपर्क

स्थानीय ग्रामीण गुड्डू जायसवाल ने बताया कि बारिश के मौसम में पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के आधा सैकड़ा से अधिक ग्राम पंचायत का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट जाता है। क्षेत्र के लोग राजेंद्र ग्राम पर स्वास्थ्य, शिक्षा तथा दैनिक उपयोग की हर वस्तु के लिए आश्रित हंै। ऐसी स्थिति हो जाने से उन्हें परेशानी उठानी पड़तीहै। कई बार तो जल स्तर कम होने में पूरा दिन बीत जाता है।

छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होती है प्रभावित

सेवानिवृत्ति प्राचार्य अवध राज टांडिया ने बताया कि बसनिहा पुल पर बाढ़ की स्थिति होने पर सबसे ज्यादा परेशानी छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ती है। कई घंटे तक जलस्तर कम न होने पर उन्हें वापस लौटना पड़ता है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होती है क्योंकि बारिश में ऐसी स्थिति बनी ही रहती है जिसको लेकर के शासन तथा प्रशासन को ध्यान देना चाहिए तथा समस्या को दूर किया जाना चाहिए।

पूर्व में राजेंद्र ग्राम में सड़क निर्माण के दौरान इस पुल का प्राक्कलन भी तैयार किया गया था लेकिन ज्यादा राशि हो जाने के कारण इसकी स्वीकृति नहीं मिल पाई। बारिश के दिनों में इस पुल पर बाढ़ की स्थिति बनी ही रहती है और इससे आवागमन बंद हो जाता है। समस्या को दूर करने के लिए प्रयास करते हुए नया पुल निर्मित कराया जायेगा। मुकेश बेले, प्रबंधक, एमपीआरडीसी

Updated on:
05 Jul 2024 12:18 pm
Published on:
05 Jul 2024 12:17 pm
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