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घर और स्कूल से नहीं था कोई दबाव, इसलिए बन गया टॉपर

शिक्षक जो पढ़ाएं उस पर ध्यान देना जरूरी

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छिंदवाड़ा. दिल्ली पब्लिक स्कूल में अध्ययन कर सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा(कला संकाय) में 92.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर बैतूल निवासी दीक्षा झरबड़े ने गौरवान्वित किया। दीक्षा के पिता संतोष राव एवं माता वंदना दोनों ही शासकीय शिक्षक हैं। दीक्षा ने बताया कि उन्होंने रेगुलर स्कूल में क्लास की। जितना टीचर ने पढ़ाया उस पर पूरा फोकस किया। कोचिंग का सहारा नहीं लिया। स्कूल के टीचर ही विद्यार्थियों की हेल्प करते थे। पुराने पेपर खूब साल्व किए। उन्होंने कभी टॉपर बनने के लिए पढ़ाई नहीं की बल्कि अच्छे अंक लाने के लिए मेहनत की। मम्मी-पापा या स्कूल से भी कभी यह दबाव नहीं आया कि आपको बहुत ज्यादा अंक लाना है। सभी यह कहते थे कि आप पढ़ाई करो और तनाव मत लो। दीक्षा ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई के साथ खेल गतिविधि में भी हिस्सा लिया। हां यह जरूर है कि मोबाइल और टीवी से दूरी बनाए रखी। स्कूल में वह हॉस्टल में रहती थी। वहां पर टीवी और मोबाइल था भी नहीं।
दीक्षा को इतिहास विषय में दिलचस्पी है। वह आर्कियोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। दीक्षा कहती हैं कि
शिक्षकों की बात हमेशा माननी चाहिए। वह जो पढ़ाएं उस पर ध्यान दें और उनके बताए मार्ग पर चलें। सफलता जरूर मिलती है।

छिंदवाड़ा. अच्छे अंक पाने के लिए कड़ी मेहनत तो जरूरी है, लेकिन केवल पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई जरूरी नहीं है। इसके साथ आप अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लेकर टॉपर बन सकते हैं। यह कहना है गोलगंज निवासी दिल्ली पब्लिक स्कूल के 10वीं के छात्र रहे सूर्यांश जैन का। उन्होंने इस बार सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 98.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर टॉपर लिस्ट में जगह बनाई। सूर्यांश ने बताया कि उन्होंने इतने अंक प्राप्त करने के लिए कोई अलग से मेहनत नहीं की। बस यह था कि हर दिन पढ़ाई की और उसके साथ स्पोट्र्स में भी भाग लेता था। टीवी और मोबाइल भी थोड़ा-थोड़ा देखता था। सबसे जरूरी बात यह थी कि स्कूल में जो पढ़ाया जाता था उस पर पूरा ध्यान देता था। इसके अलावा घर आकर अभ्यास करना और सेल्फ स्टडी ने सबसे अधिक सहायता की। आखिरी के दो माह पढ़ाई का समय बढ़ा दिया था। सूर्यांश के पिता प्रदीप जैन की घड़ी की दुकान है और माता मेघा जैन गृहिणी हैं। सूर्यांश का गणित विषय में दिलचस्पी है। इसलिए वे आगे इसी विषय में पढ़ाई करेंगे और इंजीनियर बनेंगे। उन्होंने बताया कि मेरे घर में या स्कूल में कभी किसी ने यह नहीं कहा कि तुम्हे टॉप करना है। घर वाले हमेशा यही कहते थे कि पढ़ाई करो आगे जो रिजल्ट आएगा वह देखा जाएगा। सूर्यांश कहते हैं घर पर मां-बाप के सपोर्ट एवं माहौल ने उन्हें अच्छे अंक लाने के लिए प्रेरित किया। एनसीईआरटी की किताबें काफी महत्वपूर्ण रही। पिछले वर्ष के पेपर काफी साल्व किए। उन्होंने भविष्य में बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को संदेश दिया कि वे तनाव लेकर नहीं बल्कि आराम से पढ़ाई करें और रेगुलर करें। इससे अच्छे अंक जरूर आएंगे।

Published on:
15 May 2024 07:57 pm
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