तिरुपरमकुंड्रम पहुंचे नागेंद्रन को पुलिस ने एहतियात के तौर पर गिरफ्तार कर लिया
तिरुपरमकुंड्रम पहुंचे नागेंद्रन को पुलिस ने एहतियात के तौर पर गिरफ्तार कर लिया
मदुरै. मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने गुरुवार को उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें तिरुपरमकुंड्रम पहाड़ी स्थित अरुलमिगु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर के पास पारंपरिक “कार्तिगै दीपम” जलाने की अनुमति दी गई थी। यह आदेश न्यायाधीश जी.आर. स्वामीनाथन द्वारा एकल पीठ के रूप में दिया गया था, जिसमें दीप स्तंभ नामक पत्थर के स्तंभ पर दीप प्रज्वलन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देश मांगे गए थे।जस्टिस जी जयचंद्रन और जस्टिस केके रामकृष्णन की खंडपीठ ने आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि स्तंभ पर दीप जलाने से दरगाह की संरचना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। न्यायाधीश स्वामीनाथन ने निर्देश में कहा था कि दरगाह स्तंभ से कम से कम 50 मीटर की सुरक्षित दूरी पर स्थित है।
बेंच की ओर से रोक पर इनकार के बाद ही हाईकोर्ट ने जिला कलक्टर और एसपी को वीसी पर तलब कर दिया था। दीप प्रज्वलन के बाद रात साढ़े दस तक रिपोर्ट देने को भी कहा गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने एकल जज के सीआइएसएफ सुरक्षा के आदेश को अधिकारों का उल्लंघन बताया था।
डीएमके सरकार फैला रही तनाव
अन्नाद्रमुक महासचिव एडपाड़ी के. पलनीस्वामी ने कहा कि पहाड़ी पर दीप प्रज्वलन संबंधी उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू नहीं कर डीएमके सरकार तनाव फैला रही है। उन्होंने एक्स पोस्ट में डीएमके सरकार की आलोचना की।
मंत्री रघुपति ने पलनीस्वामी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि डीएमके सरकार तमिलनाडु में शांति बनाए रखेगी और किसी भी प्रकार की अशांति की अनुमति कभी नहीं देगी।
हिन्दू-मुस्लिम एकता नहीं चाहती सरकार
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने कहा कि तिरुपरमकुंड्रम मामले में डीएमके सरकार चुनावी वोट बैंक के लिए विभाजनकारी रणनीति अपना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हिन्दू और मुस्लिम समुदाय की एकता नहीं चाहती। “सरकार कलह और विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही है।” तिरुपरमकुंड्रम पहुंचे नागेंद्रन को पुलिस ने एहतियात के तौर पर गिरफ्तार कर लिया।
जज को हटाने की मांग की
वीसीके सांसद और प्रमुख तोल तिरुमावलवन ने इस मामले में राज्य सरकार की शांति बनाए रखने की प्रशंसा की। उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन को हटाने की मांग की, जिन्होंने दीप प्रज्वलन की अनुमति दी है। उनका आरोप था कि कुछ कट्टरपंथी समूहों ने सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की है और उन पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की मांग की। कम्युनिस्ट पार्टी राज्य सचिव एम. वीरापांडियन ने भी न्यायाधीश को हटाने की मांग का समर्थन किया।