चार वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया अगले साल होगी कठिन, इस साल आखिरी बार प्रवेश परीक्षा राज्य स्तरीय होगी, अगले बरस राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा और काउंसलिंग की होगी प्रक्रिया
हनुमानगढ़. इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम बीए बीएड एवं बीएससी बीएड में प्रवेश लेकर चार साल में स्नातक तथा बीएड की डिग्री लेने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए इस साल प्रवेश परीक्षा तुलनात्मक रूप से आसान रहेगी। क्योंकि अगले बरस संभावना है कि एनटीए इस पाठ्यक्रम में प्रवेश की परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करे। ऐसे में जो परीक्षा अभी राज्य स्तर पर देकर युवा इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले रहे थे, उनको राष्ट्रीय स्तर पर अन्य राज्यों के युवाओं से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। राजस्थान प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरूण विजय ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा होने से कड़ी प्रतिस्पर्धा तो होगी, साथ ही जरूरी नहीं कि हनुमानगढ़ या राजस्थान के किसी अभ्यर्थी को घर के आसपास ही कॉलेज आवंटित हो। राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा व काउसंलिंग प्रक्रिया अपनाने से गृह जिले, संभाग व राज्य में कॉलेज मिलना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही शुल्क में भी बढ़ोतरी की संभावना है। क्योंकि पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों की तुलना में राजस्थान में सबसे कम वार्षिक शुल्क है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश प्रक्रिया होने से सभी राज्यों को ध्यान में रखकर औसत शुल्क तय करने पर राजस्थान में फीस बढऩे की संभावना रहेगी। इसलिए इस साल बारहवीं कक्षा की परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों के लिए अच्छा अवसर है कि राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा देकर चार वर्षीय इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम में प्रवेश ले लेवे। प्रवेश परीक्षा संयोजक वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा को नियुक्त किया गया है। वीएमओयू ने प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया नौ मई से शुरू कर दी है। अभी आवेदन की अंतिम तिथि 16 मई तय की गई है। प्रेस वार्ता में एसोसिएशन के रावतसर प्रतिनिधि कैलाश सिंवर, भादरा से अनुभव बंसल व भीमसिंह सुथार, हनुमानगढ़ प्रतिनिधि विक्रमसिंह औलख, रौनक विजय, प्रशासक परमानंद सैनी, मनोज शर्मा आदि ने पाठ्यक्रम संबंधी जानकारी दी।
एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरूण विजय, देवेन्द्र खालिया पल्लू व सागरमल लड्ढ़ा ने कहा कि यह भ्रांति दूर करने की जरूरी है कि चार वर्षीय इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम बंद होगा। ऐसा कुछ नहीं होगा, यह निरंतर चलेगा, बस अगले साल से इसका नाम बदल जाएगा व राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा होगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इस गत सप्ताह ही शिक्षा सत्र 2025-26 में इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम में पूर्व की भांति प्रक्रिया अपनाकर युवाओं को प्रवेश देने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम के जरिए बीए बीएड एवं बीएससी बीएड की डिग्री लेने से युवाओं का एक साल का समय बचता है। अगर कोई बीए या बीएएससी आदि की स्नातक की डिग्री कर बीएड वगैरह करे तो पांच साल लग जाते हैं। जबकि इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम से यह योग्यता चार साल में ही हासिल की जा सकती है। इससे युवाओं का एक साल का समय व पैसा बचता है।